
कापू समुदाय के नेता और पूर्व मंत्री मुद्रागड़ा पद्मनाभम ने जनवरी के तुनी हिंसा कांड में गिरफ्तार सात लोगों की रिहाई के बाद आज अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त कर दिया।
किरलमपुडी गांव स्थित अपने आवास पर समर्थकों के बीच पद्मनाभम ने पत्नी के हाथों नींबू पानी पीकर अपना अनशन समाप्त किया।
बाद में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबु नायडू पर उनके तथा कापू समुदाय के खिलाफ ‘प्रतिशोध की भावना’ से काम करने का आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने क्रूर व्यवहार किया और उन्हें तथा उनके परिवार के सदस्यों को जबरन अस्पताल ले जाकर तथा 14 दिन तक रोके रखने के बाद उनका अनशन विफल कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘दिए गए आश्वासन पर विचार करने के स्थान पर सरकार ने मुझे और मेरे परिवार को अपमानित किया। मैं न्याय के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।’’ आंध्रप्रदेश में शिक्षा और नौकरियों में अपने समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन चला रहे पद्मनाभम ने पूर्वी गोदावरी के किरलमपुडी गांव में अपनी पत्नी के साथ नौ जून से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया था।
समुदाय को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहे इस आंदोलन ने तुनी में हिंसक रूप ले लिया और 31 जनवरी को प्रदर्शनकारियों ने एक यात्री ट्रेन, एक पुलिस थाना, एक पुलिस वाहन तथा एक निजी वाहन को आग लगा दी।
पद्मनाभम ने पहले मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया था कि वह कापू समुदाय को दिए हुए आश्वासन को ‘‘नजरअंदाज’’ कर रहे हैं।
आंध्रप्रदेश सीआईडी ट्रेन में आग लगाए जाने के मामले की जांच कर रही है।
( Source – पीटीआई-भाषा )