
भारत के वकील हरीश साल्वे ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में आज कहा कि उनके देश को अंदेशा है कि सुनवाई पूरी होने से पहले उसके नागरिक कुलभूषण जाधव को फांसी दी जा सकती है।
साल्वे ने कहा कि जाधव को तीन मार्च को गिरफ्तार किया गया था और जासूसी एवं विध्वंसक गतिविधियों के आरोपों में उन्हें सजाए मौत सुनाई गई है। उनसे जब इकबालिया बयान दिलवाया गया ,जब वह पाकिस्तान की सैन्य हिरासत में थे।
जैसे ही आईसीजे ने जाधव मामले की सुनवाई शुरू की, भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने पूरी दुनिया में ‘‘बुनियादी’’ माने जाने वाले मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ा दी है।
भारत ने आईसीजे से कहा कि हम जाधव के लिए उचित कानूनी प्रतिनिधित्व चाहते हैं।
भारत ने आठ मई को पाकिस्तान पर कूटनीतिक रिश्तों पर वियेना कन्वेंशन का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए सजाए मौत तत्काल निलंबित करने का आह्वान किया और कहा कि पाकिस्तान ने जाधव की कूटनीतिक पहुंच के उसके 16 आग्रह ठुकरा दिए।
साल्वे ने अदालत से कहा कि मौजूदा परिस्थिति बहुत गंभीर है और यही कारण है कि भारत आईसीजे की भागीदारी चाहता है। उन्होंने पाकिस्तान में जाधव के खिलाफ सुनवाई प्रक्रिया को ‘‘हास्यास्पद’’ बताया और कहा कि पाकिस्तान ने अपने बेटे से मिलने के जाधव की मां के आग्रह का जवाब नहीं दिया।
भारत पहले अपना पक्ष पेश कर रहा है इसके बाद पाकिस्तान अपना पक्ष रखेगा। दोनों पक्षों को 90-90 मिनट मिलेंगे।
न्यायाधीश ने अपनी शुरूआती टिप्पणियों में कहा कि भारत को अपना पक्ष रखने के लिए 90 मिनट के बाद भी एक ‘‘संक्षिप्त विस्तार’’ मिल सकता है।
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के संबंध में 46 वर्षीय भारतीय नागरिक जाधव को सजाए मौत सुनाई थी। भारत ने 8 मई को उसके खिलाफ सीजेआई में अपील दायर की थी।
अपील के अगले दिन आईसीजे ने सजा पर स्थगनादेश लगा दिए।
( Source – PTI )