लोगों को दुनिया में क्या हो रहा है ये जानने का मानव अधिकार है लेकिन पाकिस्तान इस तरह की पाबंदी लगाकर अपने ही नागरिकों को जानने के अधिकार से वंचित कर रहा है। मीडिया की आज़ादी का ये खुला उल्लंघन है। 21 अक्टूबर से पाकिस्तान में किसी भी भारतीय चैनल का प्रसारण पूरी तरह बंद रहेगा।
पाकिस्तान की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेग्यूलेटरी अथॉरिटी पेमरा ने चेतावनी दी है कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों पर क़ानून के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। पेमरा, पाकिस्तान में मीडिया पर नियंत्रण रखने वाली संस्था है । पाकिस्तान के साथ संबंधों में आपसी तनाव के बावजूद भारत में पाकिस्तानी चैनलों पर किसी तरह की रोक नही लगाई गई है।
पाकिस्तानी हुकूमत पहले भी मीडिया की आज़ादी और स्वतंत्र रिपोर्टिग पर दखलअंदाज़ी कर चुकी है। जिसका उदाहरण पिछले दिनों सरकार और सेना के अधिकारियों की एक गुप्त मीटिंग के हवाले से छपी रिपोर्ट के आधार पर पाकिस्तान ने एक पत्रकार सिरिल अलमीडा के विदेश जाने पर रोक लगा दी थी। हालांकि बाद में अन्तर्राष्ट्रीय दबाव के चलते ये प्रतिबंध हटाया गया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान में भारतीय चैनलों पर पाबंदी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
दूसरी तरफ अपने ही घर में पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ की मुश्किले बढ़ती नजर आ रही है । पाक मीडिया के मुताबिक पनामा लीक केस में सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ को नोटिस जारी किया है । नवाज शरीफ के अलावा मरियम नवाज, हसन नवाज, हुसैन नवाज रिटायर्ड कैप्टन सफ्दार, वित्त मंत्री इश्त्याक डार, फेडरल इंवेस्टीगेशन एजेंसी के डीजी , फेडरल रेवेन्यू बोर्ड के चेयरमैन और अटॉर्नी जनरल को भी नोटिस जारी किया गया है।
वैसे भी नवाज शरीफ का नाम पनामा लीक्स में सामने आने के बाद विपक्षी पार्टिया खासकर इमरान खान की तहरीके इंसाफ ने नवाज़ शरीफ के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है । इससे पहले पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने अगस्त महीने में नवाज शरीफ को नोटिस भेजा था और 20 दिन के अंदर जवाब देने को कहा था । तहरीके इंसाफ पार्टी ने नवाज शरीफ की अयोग्यता की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी ।