
वर्ष 1981 में बंद हुआ सरकारी आयुर्वेदिक कालेज फिर से कामकाज शुरू करने की तैयारी में है क्योंकि जम्मू कश्मीर सरकार वर्तमान शैक्षणिक सत्र से शैक्षणिक क्रियाकलाप शुरू करने वाली है। स्वास्थ्य एवं मेडिकल शिक्षा राज्य मंत्री बाली भगत ने यह जानकारी दी।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि परियोजना की लागत 25 . 80 करोड़ रूपये है जो सांगनी अखनूर में है और यह परियोजना अंतिम चरण में है। इसके वर्तमान वित्तीय वर्ष में पूरा होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि अब तक विभिन्न् कार्यों पर 19 करोड़ रूपये खर्च हो चुके हैं।
जम्मू का सरकारी आयुर्वेदिक कालेज राज्य का इस तरह का एकमात्र संस्थान है जो 1962 में स्थापित हुआ था। कालेज 1981 में बंद हो गया था लेकिन सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल चलता रहा था।
भगत ने कहा कि आयुष उपचार की बढती लोकप्रियता और मांग को देखते हुए सरकार ने पारंपरिक देखभाल के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र को उचित पहचान देने का फैसला किया है और कालेज में शैक्षणिक क्रियाकलाप वर्तमान सत्र से 50 बीएएमएस सीटों के साथ शुरूहो जाएगा।
प्रवक्ता ने कहा कि भगत इस संबंध में दो अगस्त को दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा और आयुष मंत्रालय के उच्चस्तरीय अधिकारियों से मिलने वाले हैं।
( Source – PTI )