
जबर्दस्त जुझारूपन का प्रदर्शन करते हुए भारत की महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कांस्य पदक जीतकर रियो ओलंपिक में 12वें दिन भारत की झोली में पहला पदक डाला ।
साक्षी ने पांच कड़े मुकाबले खेलकर 58 किलोवर्ग में यह पदक जीता । वह क्वार्टर फाइनल में हार गई थी लेकिन उसकी रूसी प्रतिद्वंद्वी के फाइनल में पहुंचने के कारण उसे रेपेचेज खेलने का मौका मिला । हरियाणा की इस मुक्केबाज ने किर्गीस्तान की ऐसुलू ताइनीबेकोवा को 8 . 5 से हराया जबकि एक समय वह 0 . 5 से पीछे थी ।
वह जीत के बाद मैट पर खुशी के मारे कूदने लगी । उसने तिरंगा लपेटा और उसके कोच कुलदीप सिंह ने उसे कंधे पर उठा लिया ।
साक्षी ने खुशी के आंसू पोछते हुए कहा ,‘‘ मेरी 12 साल की तपस्या रंग लाई । गीता दीदी ने पहली बार लंदन के लिये क्वालीफाई किया था । मैने कभी सोचा नहीं था कि कुश्ती में भारत के लिये पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनूंगी ।’’ साक्षी के कांस्य ने जख्मों पर मरहम लगाने का काम किया चूंकि इससे ठीक पहले विनेश फोगाट 48 किलोवर्ग के क्वार्टर फाइनल में घुटने की चोट के कारण बाहर हो ई थी । उसे स्ट्रेचर से बाहर ले जाया गया और एमआरआई स्कैन से पता चला कि उसके घुटने का मांस फट गया है ।
बैडमिंटन में किदाम्बी श्रीकांत गत चैम्पियन लिन डैन के खिलाफ संघषर्पूर्ण मुकाबले में हार गए जिससे पुरूष एकल में भारतीय चुनौती खत्म हो गई । सुपर डैन के खिलाफ श्रीकांत को 6 . 21, 21 . 11, 18 . 21 से पराजय झेलनी पड़ी ।
( Source – पीटीआई-भाषा )