
उच्चतम न्यायालय ने गुजरात और महाराष्ट्र के आदिवासी समुदायों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं बनाने की मांग करने वाली याचिका को संविधान पीठ के पास भेज दिया है।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश आरके अग्रवाल और न्यायमूर्ति एमएम शांतानागौदार ने याचिका को संविधान पीठ को भेजते हुए कहा कि इससे मिलती जुलती याचिकाओं पर भी वृह्द पीठ फैसला करेगी।
महाराष्ट्र और गुजरात के सुदूर इलाकों के आदिवासी समुदाय की ओर से दायर याचिका में शीर्ष न्यायालय से अपने समुदाय को इससे अलग रखने की मांग की है क्योंकि आधार कार्ड के अभाव में उनके समुदाय के छात्रों को स्कूलों और हॉस्टलों में प्रवेश नहीं मिल रहा है।
शीर्ष न्यायालय ने मामले को संविधान पीठ के पास भेज दिया है जो कि आधार कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं और विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ पाने के लिए आधार को अनिवार्य बनने के सरकार के कदम के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
( Source – PTI )