किसानों के लिये ‘एकल खिड़की सुविधा केन्द्र’ बनाने वाला देश का प्रथम राज्य बना झारखंड
किसानों के लिये ‘एकल खिड़की सुविधा केन्द्र’ बनाने वाला देश का प्रथम राज्य बना झारखंड

झारखंड के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने आज यहां कहा कि किसानों को एक ही जगह पर कृषि कार्य से संबंधित पूरी जानकारी देने के लिये ‘एकल खिड़की सुविधा केन्द्र’ स्थापित किये जा रहे हैं। इस प्रकार के केन्द्र बनाने वाला झारखंड देश का प्रथम राज्य बन गया है।

उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में स्वीकृत 100 ऐसे केन्द्रों में से 78 कार्यशील हैं वहीं वित्तीय वर्ष 2017-18 में स्वीकृत 100 एकल खिड़की केन्द्रों का भी कार्य प्रारंभ हो चुका है। सिंह आज सरकार के 1000 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित पत्रकार वार्ता में विभाग की उपलब्धियेां के बारे में जानकारी दे रहे थे।

सिंह ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में 22.65 लाख हेक्टेयर भूमि में खाद्यान्न फसलों का आच्छादन हुआ था, जो अब बढ़कर 32 फीसदी वृद्धि के साथ 30 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। वहीं खाद्यान्न उत्पादन भी 51.125 लाख मैट्रिक टन से बढ़कर 68.82 लाख टन हो गया। इसी तरह दलहन आच्छादन, दलहन उत्पादन, तिलहन आच्छादन और उत्पादन में भी काफी वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत 5 नए महाविद्यालय की स्थापना की गई है, जिसमें शैक्षणिक वर्ष 2017-18 से पढ़ाई शुरू हो चुकी है। सिंह ने कहा कि किसानों द्वारा कृषि ऋण के रूप में ली गई राशि को यदि समय पर जमा किया जाए तो 7 प्रतिशत ब्याज के स्थान पर उनसे मात्र एक प्रतिशत ब्याज लिया जाएगा। किसानों को सिंचाई की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 2319 तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया है।

पशुपालन एवं गव्य विभाग की उपलब्धि बताते हुए सिंह ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में राज्य का दुग्ध उत्पादन 38 लाख लीटर था, जो वित्तीय वर्ष 2016-17 में 54 लाख लीटर हो गया। उन्होंने कहा कि होटवार, रांची में एक लाख लीटर क्षमता का अत्याधुनिक डेयरी प्लांट स्थापित किया गया है, वहीं साहेबगंज, देवघर एवं पलामू में 50 हजार लीटर क्षमता के अत्याधुनिक डेयरी प्लांट की स्थापना का कार्य प्रारंभ हो चुका है। सरकार के सहयोग से मदर डेयरी द्वारा रांची के नगड़ी में मटर प्रसंस्करण ईकाई की स्थापना की गई।

उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा 14 शीतगृह का निर्माण कराया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 14.50 लाख किसानों का फसल बीमा कराया गया। फसल बीमा क्षतिपूर्ति के रुप में 250.65 करोड़ रू का भुगतान किसानों को किया गया। राज्य के सभी प्रखंडों में तीन दिवसीय किसान मेला का आयोजन किया गया, जिसमें 11500 क्विंटल खरीफ बीज का वितरण,66000 मिट्टी नमूना संग्रहण,32600 हेक्टेयर में मेंड़बंदी एवं 1.91 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया।

( Source – PTI )

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