
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में आई बाढ़ और गोरखपुर में बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के बाद प्रदेश में लगभग हाशिये पर पड़ी समाजवादी पार्टी एक बार फिर से नये जोश में आ गयी है, उसे सत्तारूढ़ दल को घेरने के मुद्दे मिल गये हैं।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों को 403 में से 325 सीटे मिलने के बाद हाशिये पर पहुंची सपा अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की कोशिश में लगी हुई है। हाल ही में पार्टी के कुछ विधान परिषद सदस्यों के इस्तीफे और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव के लगातार हमलों की पृष्ठभूमि में पार्टी आम जनता और समर्थकों के बीच अपनी पुरानी साख वापस पाने के लिये भरपूर प्रयास कर रही है।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सात अगस्त से 11 अगस्त के बीच कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण 60 बच्चों की मौत ने अखिलेश को एक बार फिर आम लोगो से जुड़ने का मौका दे दिया है। वह ना केवल मारे गये बच्चों के परिजनों से मिले बल्कि बच्चों के परिजनों को पार्टी फंड से दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का एलान भी किया।
सपा प्रमुख ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में इस तरह की घटना होने पर सरकार को घेरा और सपा नेताओं की एक टीम को मेडिकल कॉलेज का दौरा करने तथा मामले पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।
अखिलेश ने कहा कि सरकार असंवेदनशील है, सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है और विपक्ष पर बेबुनियाद आरोप लगा रही है कि वह घटना पर राजनीति कर रही है। सपा ने इस घटना में मारे गये बच्चों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग सरकार से की है।
प्रदेश में बाढ़ के प्रकोप को देखते हुये सपा ने विभिन्न बाढ़ प्रभावित जिलों में वरिष्ठ पार्टी नेताओं की टीमें बना दी हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों बाराबंकी, गोंडा, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, बलरामपुर और बहराईच में बाढ़ सहायता कमेटियां बनाई गयी हैं। इनसे जुड़े नेताओं को प्रभावित लोगों की मदद करने को कहा गया है।
सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी के अध्यक्ष आम जनता की समस्याओं के प्रति बहुत संवेदनशील हैं। वह चाहते हैं कि पार्टी से जुड़े लोग आम जनता की मदद करें और भाजपा सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करें।’’
( Source – PTI )