
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनउ से सटा बाराबंकी जिला भी इस बार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर खासकर सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी :सपा: के लिये बेहद अहम है। पिछले विधानसभा चुनाव में पूरे जिले में अन्य पार्टियों का सूपड़ा साफ करने वाली सपा की सरकार में इस जनपद से तीन मंत्री शामिल हैं, लिहाजा इस दफा यहां के चुनाव में इन मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर है।
परम्परागत रूप से समाजवादियों का गढ़ रहे बाराबंकी जिले में विधानसभा की छह सीटें- बाराबंकी, रामनगर, दरियाबाद, हैदरगढ़, जैदपुर और कुर्सी हैं। वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में सपा ने इन सभी सीटों पर जीत हासिल की थी।
रामनगर सीट से विधायक अरविन्द सिंह गोप सूबे के ग्राम्य विकास मंत्री हैं और उन्हें सपा अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है। कुर्सी सीट से सपा विधायक फरीद महफूज किदवाई प्राविधिक शिक्षा राज्यमंत्री :स्वतंत्र प्रभार: हैं जबकि दरियाबाद से सपा विधायक राजा राजीव कुमार सिंह कृषि राज्यमंत्री हैं। इस बार ये सभी मंत्री अपने-अपने क्षेत्र से फिर सपा के उम्मीदवार हैं, लिहाजा विधानसभा चुनाव में इन सभी मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। साथ ही इस बात की भी परीक्षा होगी कि वे दूसरी सीटों पर सपा के पक्ष में क्या फिजा बना पाते हैं।
कभी सपा के संस्थापक सदस्य बेनी प्रसाद वर्मा के दबदबे वाला जिला रहे बाराबंकी में अरविन्द सिंह गोप प्रभावशाली नेता बनकर उभरे लेकिन रामनगर सीट पर इस बार उनके सामने विकट चुनौती है। रामनगर का चुनावी इतिहास इस बात का गवाह है कि यहां की जनता ने कभी किसी विधायक को लगातार दूसरी बार नहीं चुना। सपा अध्यक्ष अखिलेश ने गोप को बेनी के बेटे राकेश वर्मा पर तरजीह देते हुए रामनगर से लगातार दूसरी दफा प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में गोप का काफी कुछ दांव पर है।
( Source – PTI )