
दिल्ली पुलिस ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में अपराध मनोविज्ञान विधि से जांच शुरू करना चाहती है।
पुलिस ने न्यायमूर्ति जी एस सिस्तानी और न्यायमूर्ति चंद्र शेखर की पीठ से कहा कि इस विधि से जांच में अधिकतम आठ सप्ताह का समय लगेगा जिसके बाद वह रिपोर्ट दायर करेगी।
अपराध मनोविज्ञान जांच की एक उभरती विधि है जिसका अभी कुछ विकसित देशों में इस्तेमाल किया जाता है।
पुलिस की अपील पर पीठ ने कहा कि जांच 2014 में शुरू हुई थी तथा अब 2017 में पुलिस किसी और तरीके से जांच करना चाहती है।
अदालत ने पुलिस से पूछा, ‘‘क्या किसी जांच एजेंसी को जांच को इतने लंबे समय तक खींचना चाहिए?’’ इसके जवाब में पुलिस की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि कुछ लोगों से व्यक्तिगत तौर पर पूछताछ से जुड़े जांच के नए तरीके का इस्तेमाल इसलिए किया जा रहा है कि ‘‘कोई भी सबूत छूट ना पाए।’’ इसके बाद पीठ ने पुलिस से दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने के लिए कहा जिसमें यह बताया जाए कि जांच को पूरा होने में लगभग कितना समय लगेगा।
सुनवायी के दौरान भाजपा नेता सुब्रह्मणयम स्वामी ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग के नजरिए से भी इस मामले की जांच की जानी चाहिए। सुब्रह्मणयम ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में अदालत की निगरानी में एसआईटी से जांच कराने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय को इस मामले में पक्षकार बनाया जाना चाहिए।
बहरहाल, अदालत ने इससे इनकार करते हुए कहा कि वह उचित समय पर इस पर विचार करेगी।
अदालत ने कहा, ‘‘हम इस समय किसी भी तरह मामले को भटकाना नहीं चाहते।’’ अदालत ने इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 26 अक्तूबर की तारीख तय की।
दक्षिणी दिल्ली स्थित एक पांच सितारा होटल में 17 जनवरी 2014 की रात को सुनंदा पुष्कर अपने कमरे में रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत मिली थीं
( Source – PTI )