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दिल से दिल का संवाद है दीनदयाल उपाध्याय की विशेषता : प्रो. अग्निहोत्री

नई दिल्ली, 12 फरवरी। ”अगर आप आचरण और शब्दों में एकता बनाए रखें, तो आप एक बेहतरीन कम्युनिकेटर बन सकते हैं। दीनदयाल उपाध्याय जी इस बात को अच्छे तरीके से जानते थे, इसलिए उनकी ‘कथनी’ और ‘करनी’ में कभी अंतर नहीं रहा। दिल से दिल का संवाद ही उनकी विशेषता थी।” यह विचार हिमाचल प्रदेश […]