रिश्ते

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खामोशियों से रुकसत हो जाते हैं हर रिश्ते,
अगर चुपचाप रहोगे गूंगे हो जाते है हर रिश्ते।
कभी कभी बेमतलब ही बात कर लिया करो,
बने रहेंगे हमेशा सदा तुम्हारे अपने हर रिश्ते।।

बनाने से बन जाते हैं इस दुनिया में रिश्ते,
बिगाड़ने से बिगड़ जाते हैं दुनिया में रिश्ते।
कौन कहता है ऊपर से बनकर आते हैं रिश्ते,
सच्चाई ये है इस धरा पर आकर बनते हैं रिश्ते।।

कुछ जन्म से बन जाते हैं रिश्ते इस दुनिया में,
कुछ प्यार से बन जाते है रिश्ते इस दुनिया में।
रिश्तों की भी अजीब दुनिया है मेरे दोस्तो,
सगे रिश्ते भी हो जाते है दुश्मन इस दुनिया में।।

मेरी मासूम नादानियों ने रुलाया है बहुत,
मतलबी रिश्तेदारों ने दिल दुखाया है बहुत।
करे तो क्या करे इनसे रिश्ते बना कर हम,
इन्होंने तो सताया है हमे हर तरह से बहुत।।

इस मतलबी दुनिया में कौन किसी का होता है,
धोखा वही देता है जिस पर भरोसा होता है।
जुबान बड़ी मीठी होती है,अक्सर जिसकी
वही जुबान वाला अक्सर धोखेबाज होता है।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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