शादी को तमाशा न बनाएं!

कांग्रेस की सांसद श्रीमती रंजीत रंजन एक ऐसा विधेयक पेश कर रही हैं, जो अगर कानून बन गया तो सारे देश का बड़ा लाभ होगा। यह ऐसा कानून बनेगा, जिससे सभी जातियों, सभी मजहबों और सभी प्रांतों के लोगों को लाभ मिलेगा। यह विधेयक शादी में होने वाले अनाप-शनाप खर्चे पर रोक लगाने की मांग करता है। किसी भी शादी पर पांच लाख रुपए से ज्यादा खर्च न किया जाए। जो भी पांच लाख से ज्यादा खर्च करें, वे उसकी दस प्रतिशत राशि गरीब लड़कियों की शादी के लिए जमा कराएं। अतिथियों की संख्या सीमित की जाए। अतिथियों को परोसे जाने वाले भोजन के प्रकारों और व्यंजनों की भी संख्या निश्चित की जाए।

जाहिर है कि यह विधेयक कानून नहीं बन पाएगा, क्योंकि जो लोग इसे कानून बना सकते हैं यानी नेता लोग, वे ही शादियों में सबसे ज्यादा फिजूलखर्ची करते हैं। उनके यहां हजारों लोग खाना खाते हैं। वे कपड़ों, जेवरों, सजावट और शान-शौकत के दिखावे पर लाखों-करोड़ों खर्च करते हैं। वे दूसरे के माल पर मजे करते हैं। उनके यहां शादी, शादी नहीं, तमाशा ज्यादा होती है। मोटे पैसे वाले लोग सैकड़ों बरातियों को विदेशों में ले जाते हैं, उन्हें हजारों लाखों रुपए के तोहफे देते हैं और अपनी फिजूलखर्ची का खूब प्रचार करते हैं।

उनकी देखादेखी मध्यम और गरीब वर्गों के लोग भी झूठी शान बघारने में पीछे नहीं रहते। वे या तो मोटा उधार लेते हैं या लड़कीवालों पर बोझ डाल देते हैं। शादी के बाद भी दहेज की मांग करते रहते हैं। वे मानते हैं कि सारे जीवन की कमाई तीन मौकों पर खर्च की जानी चाहिए- जनम, परण और मरण! अब किसी के मरने पर मृत्युभोज की प्रथा तो लगभग बंद सी हो गई है। पुत्र जन्म पर भी थोड़ा बहुत उत्सव जरुर होता है लेकिन परण यानी शादी में मैंने कई घरों को बरबाद होते देखा है।

कानूनन इस फिजूलखर्ची पर रोक जरुर लगनी चाहिए लेकिन जैसे आय कर कानून के बावजूद काला धन दनदनाता है, वैसे ही इस कानून से बच निकलने के रास्ते भी खोज लिए जाएंगे। ज्यादा जरूरी यह है कि देश के संपन्न लोग और नेता वर्ग स्वयं सादगी का उदाहरण पेश करें। डेढ़ साल पहले मैंने अपने बेटे की शादी के निमंत्रण पत्र ही नहीं बांटे, कोई बारात नहीं ले गया, दहेज लेने का तो सवाल ही नहीं उठता, कोई बड़ा प्रीति भोज नहीं किया। यदि सभी लोग कमोबेश इस परंपरा को आगे बढ़ाएं तो अपने देश में अरबों खरबों रुपए की बचत हर साल होगी। इस रुपए के लिए होने वाला भ्रष्टाचार रुकेगा। दहेज पर रोक लगेगी। लोगों का वैवाहिक जीवन शांतिमय होगा। विवाह संस्कार की पवित्रता बनी रहेगी।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,871 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress