एक था गबरू बन गया गब्बर देश – दुनिया में खूब मचाया अंधेर नए जमाने में उसी के रीमेक की तरह बुखार बन गया फीवर जिसके नाम से अब दुनिया कांपे थर – थर नाम सुनते ही क्या राजू क्या राजा पसीने से हो रहे तर – बतर बुखार वाले को देखते ही क्या छोटे क्या बड़े अच्छे – अच्छे डॉक्टर भी कर रहे हाथ खड़े दौडों – भागो टेस्ट कराओ नहीं तो कहीं जाकर मर जाओ . ट्रेन बंद , प्लेन बंद बंद मेला – ठेला सिर्फ़ दवा दुकानों के सामने दिखता है इंसानों का रेला .