नई दिल्लीः हिंद महासागर में स्थित छोटे से द्वीप समूह मालदीव में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार मोहम्मद सोलिह की जीत भारत के लिए कूटनीतिक रूप से सकारात्मक मानी जा रही है। पूर्व विदेश सचिव शशांक का कहना है कि भारत को इस जीत के बाद अपने पुराने मित्र देश से नए सिरे से संबंध सुधारने का मौका नजर आ रहा है। चीन समर्थक वर्तमान राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की हार को भारत समर्थक ताकतों की जीत के रूप में भी देखा जा रहा है।

जिस तरह से यामीन ने सभी प्रमुख राजनीतिक विरोधियों को जेल में डालकर अपना वर्चस्व स्थापित करने का प्रयास किया था। उससे मालदीव में निष्पक्ष चुनाव को लेकर आशंका जाहिर की जा रही थी। जानकारों के मुताबिक, दुनिया भर के पर्यवेक्षकों की निगरानी और जनाक्रोश के चलते गड़बड़ी नही हो पाई। भारत ने मालदीव में अपने पर्यवेक्षक सरकारी तौर पर नही भेजे थे लेकिन चुनाव पर निगाह लगातार बनी हुई थी। गौरतलब है कि अब्दुल्ला यामीन चीन के मकड़जाल वाले निवेश में उलझ चुके थे।

मोदी ने मालदीव के भावी राष्ट्रपति को बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने पर इब्राहीम मोहम्मद सोलिह को बधाई दी। दोनों नेता दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा यहां जारी बयान में कहा गया कि मोदी ने सोलिह के नेतृत्व में मालदीव में लोकतंत्र की मजबूती, शांति एवं समृद्धता के लिए शुभकामनाएं दीं। इसमें कहा गया कि सोलिह ने शुभकामनाएं देने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।