नई दिल्ली : देश के विश्वविद्यालयों में ‘सर्जिकल स्ट्राइक दिवस’ मनाये जाने को लेकर उठे विवाद के बीच मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सर्जिकल स्ट्राइक के राजनीतिकरण के आरोपों से इंकार करते हुए शुक्रवार को स्पष्ट किया कि इस दिवस को मानना अनिवार्य नहीं है।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 19 तारीख को सभी कुलपतियों को पत्र लिखकर सभी विश्वविद्यालयों में 29 सितम्बर को सर्जिकल स्ट्राइक दिवस मनाने का सुझाव दिया था।जावड़ेकर ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि 29 सितम्बर को सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी सालगिरह के दिन नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) की परेड हो और छात्रों को यह बताया जाये कि किस तरह हमारे जवान देश की रक्षा करते हैं, लाखों छात्र और संस्थान इसे सुनना चाहते है। यह सेना की गरिमा बढ़ाने और सर्जिकल स्ट्राइक की विशेषता बताने के लिए है।सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में कांग्रेस के आरोपों की तरफ ध्यान दिलाये जाने पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘हम कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हैं। हम कोई राजनीतिकरण नही कर रहें है बल्कि छात्रों को केवल यह बता रहे हैं कि सेना किस तरह देश की रक्षा करती है और लाखों छात्र यह जानना चाहते हैं।’गौरतलब है कि यूजीसी ने अपने सचिव रजनीश जैन का पत्र जारी कर सभी विश्वविद्यालयों को परिपत्र भेजा है जिसमें कॉलेजों को कहा गया है कि वे पूर्व सैनकों को बुलाकर छात्रों को यह बतायें कि किस तरह सेना सीमा की रक्षा करती है।