ओबामा का वर्क परमिट मुहैया कराने का नया प्रस्ताव
वॉशिंगटन,। ओबामा प्रशासन ने पढ़ाई के लिए अमेरिका आने वाले विदेशी छात्रों के एक निश्चित वर्ग के लिए छह साल की आजीविका की अनुमति (वर्क परमिट) मुहैया कराने का प्रस्ताव किया है। भारत सहित विदेश से अधिकतर छात्रों को आकर्षित करने के मकसद से उठाए गए इस कदम से भारतीय छात्रों को सबसे ज्यादा लाभ होने की संभावना है। एक शीर्ष रिपब्लिकन सांसद इसका विरोध कर रहे हैं।अमेरिका के गृह सुरक्षा मंत्रालय की ओर से प्रस्तावित नए नियमों के मुताबिक, विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित के छात्रों को अमेरिका में छह साल तक अंडरग्रैजुएट प्रोग्राम पूरा करने के बाद तीन साल और अगर जरूरत पड़ी तो तीन साल और काम करने की इजाजत होगी।फिलहाल, अमेरिकी डिग्री प्रोग्राम के तहत ग्रैजुएशन पूरा करने के बाद विदेशी छात्र अमेरिका में एक साल तक काम करने के लिए अधिकृत हैं। विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) डिग्री प्रोग्रामों के तहत विदेशी छात्रों को अतिरिक्त 17 महीने के रोजगार की स्वीकृति हैनए प्रस्ताव को सीनेट की न्यायिक समिति में पेश किया गया है जिसके मुताबिक, पहले भी एसटीईएम की डिग्री हासिल कर चुके गैर एसटीईएम वर्ग के छात्रों को तीन साल का वर्क परमिट मिलेगा। ऐसा देखा गया है कि भारत से आने वाले छात्र मुख्यत: एसटीईएम पाठ्यक्रम के होते हैं और यदि यह प्रस्ताव लागू होगा तो इससे भारतीय छात्रों को बहुत लाभ होगा। बहरहाल, इस प्रस्ताव को सांसद और शक्तिशाली सीनेट की न्यायिक समिति के अध्यक्ष चक ग्रेसली से पहली मुश्किल बाधा मिली है। उन्होंने इसका विरोध किया है।
ओबामा का वर्क परमिट मुहैया कराने का नया प्रस्ताव
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