जेएनयू में आतंकी अफजल गुरु के समर्थन में कार्यक्रम करने और देश विरोधी नारे लगाए जाने के मामले के मास्टरमाइंड उमर खालिद की कॉल डीटेल को लेकर पुलिस के सामने काफी चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
सूत्रों के मुताबिक, उमर खालिद के दो नंबरों की कॉल डीटेल से पता चला है कि उसने 3 फरवरी से 9 फरवरी के बीच 800 से ज्यादा फोन कॉल किए, जिनमें से 38 कॉल जम्मू-कश्मीर की गई हैं और 65 कॉल वहां से इन नंबरों पर रिसीव की गई हैं। कॉल डीटेल से पता चला है कि खालिद ने ज्यादातर फोन दिल्ली से बाहर अलग-अलग शहरों में किए हैं और साथ ही कई कॉल बांग्लादेश और खाड़ी देशों में भी की गई हैं।
पुलिस ने उसकी दो महीने की कॉल डीटेल निकाली है जिसके आधार पर जांच आगे बढ़ाई जा रही है। दोनों नंबरों पर दिसंबर के आखिरी सप्ताह से अचानक फ्रीक्वेंसी बढ़ गई थी। पुलिस को शक है कि घटनाक्रम की तैयारी तभी से शुरू कर दी गई थी। इसके अलावा यह भी पता चला है कि उमर खालिद एक महीने में 17 बार दिल्ली से बाहर दूसरे राज्यों में गया।
खालिद की तलाश के लिए 10 राज्यों में करीब 80 जगहों पर छापेमारी की गई है। दिल्ली पुलिस की आठ टीमें इस मामले को देख रही थीं अब पांच और टीमें बनाई गई हैं। उसकी गिरफ्तारी के लिए परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, दोस्तों और जानने वालों से पूछताछ की जा रही है और साथ ही एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनों पर भी अलर्ट जारी कर दिया गया है।
कन्हैया और खालिद तो निर्दोष एवं दिग्भर्मित युवा है। जेएनयु के वामपंथी मठाधिस उसे अपने अराजकतावादी कैडर उत्पादन करने का कारखाना बना रखे है। आज वैश्विक मापदण्डों से देखे तो हमारे शिक्षण संस्थानों का स्तर बहुत नीचे है। इसकी बड़ी वजह यह है की जेजेनयू जैसे विश्वविद्यालयो में राजनीति अधिक और पढ़ाई कम हो रही है। पूना फ़िल्म इंस्टीट्यूट हो, जाधवपुर विश्वविद्यालय हो या जेएनयु – कांग्रेस ने इनका ठेक्का वामपंथी शिक्षा माफिया को दे रखा है।