नई दिल्ली, 27 जून 2019
शांतिदूत एवं अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य लोकेश ने न्यूयार्क में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में पार्लियामेंट एवं विधानसभा के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान मे विश्व अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है, उनमे से कुछ ऐसी है जिससे पूरी सृष्टि को खतरा है। ग्लोबल वर्मिग से लेकर आतंकवाद और हिंसा ऐसी समस्याएँ हैं जिससे हर कोई जूझ रहा है। विभिन्न धर्मों, संप्रदायों देश, और विचारधारा के लोग एक साथ मिलकर इन समस्याओं का समाधान ढूंढ सकते है। अमेरिका और भारत मिलकर इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते है। अहिंसा ही एक ऐसा सशक्त माध्यम है जिससे दुनिया में अमन एवं शांति की स्थापना हो सकती है। वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए सर्व धर्म सद्भाव आवश्यक है।
आचार्य लोकेश ने ‘ग्लोबल वार्मिंग व प्राकृतिक संसाधनों का हनन’ विषय पर कहा कि जैन धर्म दुनिया में सबसे अधिक पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने वाला धर्म है। भगवान महावीर द्वारा प्रतिपादित शत जीवनिकाय सिद्धांत प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के बारे में बात 
करता है।
वरिष्ट कांग्रेसमेन ग्रेगोरी मीक्स ने शांति और प्यारः युद्ध, नफरत और हिंसा विहीन विश्व आदि विषयों पर बोलते हुए कहा कि विश्व ऐसे समय में जब विश्व को हिंसा, ग्लोबल वार्मिंग, आय असमानता और अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है अहिंसा, शांति और सद्भावना का जैन दर्शन व महात्मा गांधी का बताया रास्ता मानवता के लिए अधिक उपयोगी है। भगवान महावीर की शिक्षाओं पर आधारित जैन धर्म को विज्ञान द्वारा भी मान्यता प्राप्त है। जैन धर्म मे प्रतिपादित जीवनशैली को अपनाने से हम स्वस्थ, समृद्ध और सुखी समाज का निर्माण कर सकते हैं।
असम्बलीमेन डेविड वेपरिन ने कहा कि विकास के लिए शांति आवश्यक हैय अंतरधार्मिक संवाद से विश्व शांति स्थापित कर सकते हैं। डॉ शुक्ला ने आचार्य डॉ लोकेशजी का परिचय प्रस्तुत करते हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विभिन्न धर्मों व समुदायों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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