
बम्बई उच्च न्यायालय ने आज बीसीसीआई से कहा कि महाराष्ट्र में ऐसे स्थानों पर आईपीएल मैच आयोजन से बचे जहां गर्मियों में पानी की कमी का सामना करना पड़ता है ताकि फ्रेंचाइजी को आखिरी समय में मैच स्थानांतरित नहीं करना पड़े जैसा कि इस वर्ष अप्रैल में हुआ था।
मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लुर ने कहा, ‘‘आप :बीसीसीआई: हमारी सहायता कर सकते हैं। आईपीएल का आयोजन अगले वर्ष भी होगा..एक बार फिर वही मुद्दा उत्पन्न होगा। यदि कुछ स्थानों पर पानी जैसी सुविधाएं नहीं हैं तो वहां मैच नहीं कराइये। मूल संस्था होने के नाते बीसीसीआई को इन सभी चीजों का पहले से ध्यान रखना चाहिए ताकि फ्रेंचाइजी को आखिर समय में परेशान नहीं होना पड़े। बीसीसीआई केवल अपना हाथ खड़ा नहीं कर सकता।’’ मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लुर और न्यायमूर्ति एम एस सोनक की एक खंडपीठ उन विभिन्न याचिकाओं पर सुनवायी कर रही थी जिसमें राज्य के उन गांवों को लेकर चिंताएं उठायी गई थीं जो प्रत्येक वर्ष सूखे की स्थिति का सामना करते हैं। याचिकाओं में सरकार से मांग की गई है कि वह मुद्दे से निपटने के लिए कदम शुरू करे।
बीसीसीआई मुकदमे में एक पक्ष है क्योंकि इस वर्ष अप्रैल में एनजीओ लोकसत्ता मूवमेंट ने एक जनहित याचिका दायर करके मांग की थी कि आमतौर पर प्रत्येक वर्ष मार्च..अप्रैल..मई में आयोजित होने वाले आईपीएल मैच राज्य से बाहर स्थानांतरित किये जाएं क्योंकि राज्य के सूखे से जूझने के बावजूद मैदान तैयार करने के लिए 60 लाख लीटर से अधिक पानी का इस्तेमाल होता है।’’ उस समय उच्च न्यायालय ने बीसीसीआई को निर्देश दिया था कि वह राज्य में 30 अप्रैल के बाद होने वाले सभी आईपीएल मैच राज्य से बाहर स्थानांतरित किये जाएं।
बीसीसीआई ने आज अदालत से कहा कि वह उसे मामले से मुक्त करे क्योंकि भूमिका समाप्त हो चुकी है लेकिन उच्च न्यायालय ने इससे इनकार कर दिया और कहा कि आईपीएल टूर्नामेंट अगले वर्ष भी आयोजित होगा।
( Source – पीटीआई-भाषा )