
समस्या में फंसे सहारा समूह ने अपनी 30 संपत्ति की बिक्री के लिये बोली सीमा 20 मई तक के लिये बढ़ा दी है। इसका कारण है कि इन संपत्तियों में रचि रखने वाली कंपनियों ने संपत्तियों की जांच-पड़ताल के लिये कुछ और समय मांगा है।
संभावित खरीददारों में टाटा, गोदरेज और अडाणी जैसे संभावित खरीदार शमिल हैं।
परामर्श कंपनी नाइट फ्रैंक सहारा की संपत्ति की नीलामी कर रही है जिसका मूल्य 7,400 करोड़ रपये अनुमानित है। उच्चतम न्यायालय के संपत्ति बिक्री के निर्देश के बाद सहारा समूह यह कदम उठा रहा है।
सूत्रों ने कहा कि भू-खंड और अन्य संपत्ति को लेकर संभावित खरीदारों में रूचि जगी है। संभावित खरीदारों में पतंजलि समूह तथा ओमेक्स और एलडेको समेत जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियां एवं धनाढ्य भारतीयों के साथ सार्वजनिक उपक्रम भी हैं।
इसके अलावा चेन्नई स्थित अपोलो हास्पिटल ने भी लखनउ में सहारा अस्पता के अधिग्रहण में रूचि दिखायी है।
सूत्रों के अनुसार नाइट फ्रैंक इंडिया को 250 रूचि पत्र प्राप्त मिले हंै। लेकिन इसमें रूचि रखने वाले पक्षों ने अंतिम बोली से पहले जांच-पड़ताल एवं अन्य औपचारिकताओं के लिये और समय मांगा है। इसके कारण समयसीमा बढ़ायी गयी है।
इस बारे में संपर्क किये जाने पर सहारा के प्रवक्ता ने समयसीमा बढ़ाये जाने की पुष्टि की।
प्रवक्ता ने पीटीआई भाषा के सवाल के जवाब में कहा, ‘‘जांच-पड़ताल के लिये संभावित खरीदारों द्वारा और समय मांगे जाने के मद्देनजर हमने समयसीमा बढ़ाकर 20 मई 2017 कर दी है।’’ उल्लेखनीय है कि बाजार नियामक सेबी द्वारा विशेषज्ञ एजेंसियों की मदद के बावजूद सहारा की कुछ संपत्ति की नीलामी में कठिनाई जताने के बाद 28 फरवरी को उच्चतम न्यायालय ने सहारा को संपत्ति बेचने की अनुमति दी थी।
( Source – PTI )