भूख से दलित की मौत के मामले की जांच के लिए बुंदेलखंड जाएगा केंद्रीय दल

भूख से दलित की मौत के मामले की जांच के लिए बुंदेलखंड जाएगा केंद्रीय दल
भूख से दलित की मौत के मामले की जांच के लिए बुंदेलखंड जाएगा केंद्रीय दल

खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि बुंदेलखंड के बांदा जिले में भूख से एक दलित की कथित मौत के मामले की जांच के लिए एक दल वहां भेजा जाएगा।

राज्यसभा में आज शून्यकाल के दौरान भाजपा के प्रभात झा द्वारा बुंदेलखंड में बांदा जिले के एला गांव में भूख के कारण एक दलित की कथित मौत का मुद्दा उठाए जाने पर पासवान ने कहा कि देश में तमिलनाडु और केरल राज्यों को छोड़ कर सभी राज्यों में खाद्य सुरक्षा कानून लागू है।

उन्होंने इस बात पर हैरत जताई कि सब्सिडी युक्त दरों पर वितरण के लिए पूरा 100 फीसदी खाद्यान्न उठाया जाता है फिर भूख से मौत कैसे हो सकती है। उन्होंने कहा ‘‘हम एक दल को :बुंदेलखंड: भेजेंगे।’’ उन्होंने कहा कि बिहार से ऐसी खबर आने के बाद वहां भी एक दल भेजा गया था।

पासवान ने कहा ‘‘दल यह भी पता लगाएगा कि प्रभावित परिवार को कब से खाद्यान्न नहीं दिया गया था।’’ इससे पहले झा ने कहा कि बांदा जिले में भूख से एक दलित की मौत हो गई और पुलिस मामले को रफा दफा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि भूख से मौत पर किसी की भी आंख से आंसू क्यों नहीं गिरे।

झा ने कहा कि मृतक की पत्नी मुन्नी देवी ने एक बयान में दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके पति की मौत भूख से हुई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि परिवार पर मृतक का अंतिम संस्कार शीघ्र करने के लिए दबाव डाला गया। झा के अनुसार, मुन्नी देवी ने यह भी कहा है कि उनसे कोरे कागज पर अंगूठा लगवाया गया और कहा गया कि वह अपने घर में अनाज न होने की बात का जिक्र न करें।

बसपा की मायावती ने कहा कि बांदा की घटना एक अकेली घटना नहीं है बल्कि बुंदेलखंड में कई लोगों की भूख से मौत हुई है, कई लोगों की हत्या हुई है।

मायावती ने मांग की कि केंद्र को एक दल वहां भेजना चाहिए।

( Source – पीटीआई-भाषा )

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