
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज केन्द्रीय जांच ब्यूरो को बीते अक्तूबर से लापता जेएनयू छात्र नजीब अहमद का पता लगाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए।
उच्च न्यायालय ने ये निर्देश जांच ब्यूरो की ओर से दायर स्थिति रिपोर्ट को देखने के बाद दिए। एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में उन कदमों की जानकारी दी, जो उसने लापता छात्र का पता लगाने के लिए उठाए हैं। इसके साथ ही सीबीआई ने जांच पूरी करने के लिए समय मांगा।
न्यायमूर्ति जी एस सिस्तानी और न्यायमूर्ति चंद्रशेखर की पीठ ने कहा, ‘‘हम सीबीआई को निर्देश देते हैं कि वह 15 अक्तूबर 2016 से लापता व्यक्ति का पता लगाने के लिए हर जरूरी कदम उठाए।’’ अदालत ने जांच ब्यूरो से स्थिति रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में दाखिल करने की वजह पूछी।
इस पर जांच ब्यूरो के वकील ने कहा कि वे गवाहों का नाम उजागर नहीं करना चाहते।
एजेंसी के वकील ने पीठ को बताया कि उन्होंने जांच के दौरान 26 लोगों से पूछताछ की थी, जिनमें जेएनयू के अधिकारी, कर्मचारी, नजीब के दोस्त, सहकर्मी और उसके साथ मतभेद रख चुके लोग शामिल थे। अदालत नजीब की मां फातिमा नफीस की याचिका की सुनवाई कर रही थी। फातिमा ने पिछले साल 25 नवंबर को अपने बेटे का पता लगाने के लिए अदालत का रूख किया था। नजीब जेएनयू में एमएससी बायोटेक्नोलॉजी के पहले वर्ष का छात्र था। वह विश्वविद्यालय के माही मांडवी हॉस्टल से लापता हो गया था।
नजीब की मां का पक्ष रख रहे वकील ने सीबीआई को उसकी जांच में शामिल करने के लिए कुछ सुझाव भी दिए।
( Source – PTI )