
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली का शुरुआती क्रियान्वयन उम्मीद से ज्यादा सुगम रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य के बीच शीर्ष स्तर पर निर्णय करने की प्रक्रिया का ‘तार्किक संस्थानीकरण’ किया गया। साथ ही इस प्रक्रिया ने दिन-प्रतिदिन के मुद्दों को तेजी से सुलझाने की व्यवस्था बनायी।
यहां इंडियन बैंक्स एसोसिएशन :आईबीए: की 70वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, ‘‘ वैकल्पिक कर प्रणाली के क्रियान्वयन के यह शुरुआती दिन हैं। जहां तक है यह उम्मीद से कहीं ज्यादा सुगम रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के तहत अधिकतर लोग स्वयं शामिल हो रहे हैं और यह धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
जीएसटी को इस साल एक जुलाई से लागू किया है। इससे देश की अर्थव्यवस्था एकल कर व्यवस्था के तहत आ गई है।
( Source – PTI )