
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने आज कहा कि सरकार देश में कम पथ कर जैसे प्रोत्साहनों के जरिये इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण और बिक्री को बढ़ावा देगी ताकि वाहन क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद और रोजगार सृजन तथा निर्यात बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाता रहे।
कांत ने कहा कि दीर्घकाल में भारत को वाहन, बैटरी विनिर्माण तथा चार्जिंग स्टेशन का महत्वपूर्ण केंद्र बनना है और उसे हमारे शहरों को प्रदूषण से मुक्त करने में मदद करना है।
उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘‘हम इलेक्ट्रिक वाहनों को विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहनों के जरिये समर्थन देना चाहेंगे। इसमे कम पथ कर आदि शामिल है…सरकार इस मामले में प्रोत्साहन देने का काम करेगी ताकि वाहन क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद और रोजगार सृजन तथा निर्यात बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाता रहे।’’ कांत ने कहा कि आज वाहन तथा वाहन कल-पुर्जा उद्योग का देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान है और देश की जीडीपी वृद्धि में इन दोनों क्षेत्रों का योगदान 7.2 प्रतिशत है।
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों में बैटरी महत्वपूर्ण तत्व और इसकी कीमत अब भी अधिक है। कई अध्ययन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कि 2027-28 तक बैटरी की लागत मौजूदा 273 डालर प्रति किलोवाट से घटकर 73 डालर प्रति किलोवाट पर आ जाएगी जबकि इसमें भारत में होने वाली मांग पर गौर नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि अगर इसमें भारतीय मांग को लिया जाए तो यह 60 डालर प्रति किलोवाट पर आ जाएगी।
उल्लेखनीय है कि नीति आयोग के हाल में एक रिपोर्ट में कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों तथा साझा तौर पर वाहनों के उपयोग से 2030 तक डीजल और पेट्रोल की लागत में 60 अरब डालर की बचत की जा सकती है।
सरकार ने 2030 तक सभी वाहनों को बिजली से चलाने का लक्ष्य रखा है।
( Source – PTI )