
उच्चतम न्यायालय आज उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया जिसमें अवैध रोहिंग्या मुसलमान आव्रजकों को वापस म्यामां भेजने के फैसले को चुनौती दी गई है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति एएम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण के इस अभिवेदन पर विचार किया कि रोहिंग्याओं को उनके गृह देश वापस भेजने के सरकार के फैसले के मद्देनजर याचिका पर तत्काल सुनवाई करना आवश्यक है।
दो रोहिंग्या आव्रजकों द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि वे म्यामां में मुकदमे का सामना कर रहे हैं और उन्हें वापस भेजना विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन है।
( Source – PTI )