शिया वक्फ बोर्ड ने न्यायालय में कहा: बाबरी मस्जिद स्थल हमारी संपत्ति है
शिया वक्फ बोर्ड ने न्यायालय में कहा: बाबरी मस्जिद स्थल हमारी संपत्ति है

राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में आज उस समय एक नया मोड आ गया जब उत्तर प्रदेश शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि अयोध्या में विवादित स्थल से समुचित दूरी पर मुस्लिम बहुल इलाके में मस्जिद का निर्माण किया जा सकता है।

बोर्ड ने शीर्ष अदालत में दाखिल अपने हलफनामे में यह भी कहा है कि बाबरी मस्जिद स्थल उसकी संपत्ति थी और सिर्फ वही इस विवाद के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिये बातचीत करने का हकदार है।

शिया वक्फ बोर्ड का 30 पेज का यह हलफनामा काफी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि शीर्ष अदालत द्वारा इस मामले में त्वरित सुनवाई के लिये सहमत होने के चंद दिन के भीतर ही यह दाखिल किया गया है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ 11 अगस्त से इस भूमि विवाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई करेगी।

वक्फ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय से इस जटिल मुद्दे का सर्वमान्य समाधान खोजने हेतु एक समिति गठित करने के लिये कुछ समय देने का अनुरोध किया है।

इस मामले में सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के रूख की आलोचना करते हुये उसने कहा, ‘‘चूंकि बाबरी मस्जिद शिया वक्फ बोर्ड की संपत्ति है, शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड उप्र ही अकेला इसमें बातचीत करने और शांतिपूर्ण समाधान पर पहुंचने का हकदार है।’’ हलफनामे में यह भी कहा गया है, ‘‘शिया बोर्ड का यह भी मत है कि विवाद को खत्म करने के लिये मस्जिद को मर्यादा पुरषोत्तम राम के पवित्र जन्म स्थल से उचित दूरी पर मुस्लिम बहुल इलाके में स्थापित की जा सकती है ।’’ शिया वक्फ बोर्ड शीर्ष अदालत में लंबित मामलों में एक पक्षकार है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के 2010 के फैसले के खिलाफ ये अपील दायर की गयी हैं। उच्च न्यायालय ने अयोध्या में राम जन्म भमि-बाबरी मस्जिद स्थल की विवादित 2.77 एकड भूमि को तीन समान हिस्सों में विभक्त करने और उसे सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाडा और राम लला को सौंपने का निर्देश दिया था ।

( Source – PTI )

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