माइ होम इंडिया के कार्यक्रम में बोले उपराष्ट्रपति नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति वैकेंया नायडू ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र को आतंकवाद के खिलाफ कोई एक्शन प्लान बनाना चाहिए कि आतंकवाद को कैसे खत्म किया जा सके और दुनिया में शांति की स्थापना की जा सके। विज्ञान भवन में माइ होम इंडिया के एक कार्यक्रम में बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है। दुनिया को आगे बढ़ने के लिए शांति चाहिए, इसके बिना प्रगति नहीं हो सकती है। नार्थ ईस्ट के छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जो देश आतंकवाद को समर्थन दे रहे हैं, उनको बाज आना चाहिए। हम अपने पड़ोसी तो नहीं बदल सकते लेकिन उनका दिमाग बदलने की जरूरत है। माइ होम इंडिया के कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति श्री वैंकेया नायडू ने कहा कि देश की अखंडता के लिए ये माइ होम इंडिया जैसे संगठनों की जरूरत देश को है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुशमन है। विज्ञान भवन में माय होम इंडिया के 13 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के सचिव और माइ होम इंडिया के संरक्षक सुनील देवधर ने कहा कि जब उत्तर पूर्व के लोगों को देश में परेशानी नहीं होगी, तभी देश की अखंडता बेहतर होगी। संगठन ने अपने 13 साल के सफर में उत्तर भारत के 2500 बच्चों को अपने परिवार से मिलाया है। साथ ही देश में विभिन्न हिस्सों में उत्तर पूर्व के लोगों को आने वाली परेशानियों को ये संगठन हल कर रहा है। गैर सरकारी संगठन लोगों के बीच में जाकर काम करती है और लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ते हैं।13 साल पहले जब एक छोटी सी टीम के साथ उन्होंने ये संगठन शुरू किया तब उन्हें नहीं पता था कि ये इतना बेहतर काम करेगा। लेकिन आज इस संगठन के 65  शहरों में 1500 से ज्यादा वालियंटर काम कर रहे हैं। संगठन ने फिलहाल हेल्पलाइन के जरिए उत्तर पूर्व के रहने वालों को न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाएं दी हैं, बल्कि जो बच्चे अपने मां बाप से बिछड़ गए हैं। उन्हें मिलवाने का काम भी हम कर रहे हैं। अभी तक हमारे इस संगठन ने 20 हज़ार उत्तर पूर्व के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की है। कार्यक्रम में अथिति के तौर पर शामिल स्पाइस जेट के चेयरमैन अजय सिंह ने कहा कि उत्तर पूर्व के हिस्सों में पैदा होने वाले फल और सब्जियों को देश और दुनिया के दूसरे हिस्सों में पहुंचाने के लिए हमने गुवाहाटी से कार्गो फ्लाइट्स शुरू की थी। जोकि काफी सफल हुई हैं। जो फल यहां पैदा हो रहे हैं, उनकी मांग दुबई और सिंगापुर, हांगकांग में बहुत ज्य़ादा है। आगे भी वो नार्थ ईस्ट के उत्पादों को देश और दुनिया में भेजने के लिए नई फ्लाइट्स चलाने की योजना बना रहे हैं।

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