-अनिल अनूप

आतंक के पनहगार और पुलवामा जैसी कायराना हरकत पर भारतीय वायुसेना की हवाई कार्रवाई लाजवाब है। दुश्मन देश को शायद संदेश मिल गया है कि अब वह ज्यादा दिन तक आतंकवाद नहीं पाल पाएगा। सेना की कार्रवाई से हिमाचली शहीदों के परिवारों को हल्का सा सुकून जरूर मिला है, पर उन माताओं का कलेजा तभी ठंडा होगा, जब भारत मां के दुश्मन हमेशा के लिए जहन्नुम पहुंचेंगे। सर्जिकल स्ट्राइक-टू से समस्त हिमाचल में खुशी का माहौल है। यही वजह है कि जगह-जगह जहां पटाखे फोड़े गए, वहीं पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार नारे भी लगे…

पहले से तय थी स्ट्राइक

हवाई कार्रवाई पर बोले मुंबई हमले में आतंकवादियों को धूल चटाने वाले ब्रिगेडियर गोविंद सिसोदिया

शिमला —पुलवामा का बदला लेते हुए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारत की एयर स्ट्राइक के बाद देश के लोगों में खुशी का माहौल है। अपने सैनिकों पर हुए हमले से रोष में बैठी जनता अब जोश में है और चाहती है कि आतंकवाद और उसके समर्थकों को पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर दिया जाए। मुंबई में हुए 26/11 हमले में आतंकियों को धूल चटाने वाले जवानों के बिग्रेडियर गोविंद सिसोदिया भी पुलवामा में हुए हमले के बाद भारत की हवाई कार्रवाई से खुश हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ से विशेष बातचीत में रिटायर्ड ब्रिगेडियर गोविंद सिसोदिया ने कहा कि भारत की तरफ से यह एयर स्ट्राइक कोई सरप्राइज नहीं, बल्कि ऐसा होना था और जरूरी भी था। भारत को इसका बदला लेना था, जो वह किस तरह से लेता, यह उसकी अपनी रणनीति थी, मगर तय था कि ऐसा होगा, जिस पर पाकिस्तान भी सरप्राइज्ड नहीं है। पाक ने भी यह सोच रखा था कि भारत रिटेलिएट करेगा जो उसने किया। अब भारत ने जमीनी स्ट्राइक की बजाय एयर स्ट्राइक की है, जिससे उसकी झिझक खुली है। सिसोदिया ने कहा कि पहले भारत इस तरह की एयर स्ट्राइक नहीं करता था, जिसमें झिझक थी। जिस तरह से इजरायल अपने दुश्मनों पर एयर स्ट्राइक करता है, वैसे ही अब भारत ने की है, जिससे उसकी झिझक खुल गई है।

अब चुप नहीं बैठेगा पाकिस्तान

पाकिस्तान की ओर से आगे क्या हो सकता है, इसे लेकर रिटायर्ड ब्रिगेडियर सिसोदिया ने कहा कि पाकिस्तान भी रिटेलिएट करेगा, वह चुप नहीं बैठेगा, परंतु भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है।  अच्छा होता अगर पाकिस्तान उसके यहां पर छिपे बैठे हाफिज सइद व मसूद अजहर जैसे आतंकियों के खिलाफ खुद कार्रवाई करता तो शायद विश्व में उसके खिलाफ राय न बनती।

देश के लिए सब कुछ लुटा सकते हैं सैनिक

हमीरपुर। सेना में अपनी 33 साल की सर्विस में मैंने यही सीखा है कि देश सबसे ऊपर होता है। देश है तो हम हैं। ऐसे में देश की आन-बान और शान के लिए सैनिक अपना सब कुछ लुटाने को आतुर रहते हैं। यह कहना है वीर चक्र विजेता कर्नल पंजाब सिंह का। कर्नल कहते हैं कि 1969 में जम्मू-कश्मीर के पुंछ में उनकी पोस्टिंग हुई। दिसंबर 1971 में सेना के जवान अपनी तैयारियां कर ही रहे थे कि पाकिस्तान ने युद्ध छेड़ दिया। हमने एक रात और एक दिन 30 जवानों के सहारे दुश्मन को जवाब दिया। उस वक्त युद्ध में उनकी पोस्ट पर आठ जवान शहीद हुए थे। जब युद्ध समाप्त हुआ तो तत्कालीन राष्ट्रपति बीबी गिरी के हाथों उन्हें वीरचक्र प्रदान किया गया। कर्नल ने जे एंड के में दो टेन्योर और काटे। दूसरी बार वे 1975 में नौशहरा और तीसरी बार 1989 में कुपवाड़ा में पोस्टिंग हुई थी।

जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटे

ऊना— भारतीय वायुसेना की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ की गई कार्रवाई बेशक थोड़ी देर से की गई है, लेकिन यह कार्रवाई दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब है। इस तरह की कार्रवाई पहले ही की जानी चाहिए थी। यह कहना है चिंतपूर्णी से कारगिल शहीद कैप्टन अमोल कालिया के पिता सतपाल कालिया का। उनका कहना है कि भारतीय वायुसेना द्वारा जो कार्रवाई की गई है वह सराहनीय है।  उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अब जे एंड के से धारा-370 भी हटा देनी चाहिए। देश के जो सैनिक शहीद हो रहे हैं, उसका मुख्य कारण ही धारा-370 है।

इसी तरह प्रो-एक्टिव कदम उठाए हिंदोस्तान

शिमला। एयर स्ट्राइक को लेकर ऐयर फोर्स के रिटायर्ड फाइटर पायलट लीडर मनोज राणा का कहना है कि भारत आतंकवाद और उसे शय देने वाले पाकिस्तान के खिलाफ इसी तरह से प्रो-एक्टिव एटिट्यूड अपनाए। इससे देश के नागरिकों व सेना का हौसला बुलंद हुआ है। ‘दिव्य हिमाचल’ से विशेष बातचीत करते हुए मनोज राणा ने कहा कि एयर स्ट्राइक का कदम महत्त्वपूर्ण है, जिसे करने से भारत हमेशा बचता रहा है, परंतु अपनी सरजमीं को सुरक्षित रखने के लिए इस तरह के कदम उठाना बेहद जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता सरकार व सेना से यही उम्मीद रखती है। आतंकियों ने पहले उड़ी को निशाना बनाया और फिर पुलवामा को, जिसका जवाब देना बेहद जरूरी था।  एक सवाल में उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान के पास दो रास्ते हैं। वह खुद यह मान ले कि आतंकियों को शय देना वह बंद कर दें, जो मासूम लोगों की जानें ले रहे हैं। दूसरा रास्ता रिटेलिएट करने का है, परंतु इससे पाकिस्तान को ही नुकसान होगा और अबकी बार नुकसान छोटा नहीं बड़ा होगा। इसमें उसकी सबसे अधिक हानि होगी, लिहाजा उसे सोचना होगा।

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