कोरोना से अब लड़ना है

0
149


कोरोना से अब लड़ना है,
इसका मुंह काला करना है।

दो गज की दूरी रखनी है,
मुंह पर मास्क लगाना है।
घर से नहीं अब निकलना,
घर से ही काम करना है।
कोरोना से अब लड़ना है,
इसका मुंह काला करना है।

किसी के घर नहीं जाना है,
किसी को नहीं बुलाना है।
वैक्सीन सबको लगवानी है,
अपने आप सुरक्षा करनी है।
सबको ही विश्वास दिलाना है,
कोरोना से अब लड़ना है।
इसका मुंह काला करना है।

निश्चित इसकी हार होगी,
निश्चित हमारी जीत होगी।
दुश्मन को मार गिराना है,
मार कर इसे नहीं उठाना है।
सबको एक जुट अब होना है,
कोरोना से अब लड़ना है।।

अफवाहें अब नहीं फैलाना है,
कदम से कदम को मिलाना है।
जो कोई रोड़ा आये मार्ग में,
उसको तुरन्त ही हटाना है।
कोरोना से नहीं डरना है,
इसको ही हमें डराना है।।

आक्सीजन की कोई कमी नहीं है
दवाईयो की भी कोई कमी नहीं है
फिर किसलिए तुम घबराते हो,
ये घबराना अब सही नहीं है।
मिलकर अब सबको लड़ना है,
कोरोना से अब लड़ना है।।

ये नई एक अद्भुत महामारी है
इसलिए हो रही मारामारी है।
इससे अब नहीं डराना है,
इसको ही डराकर रखना है।
इसका काम तमाम करना है,
कोरोना से अब लड़ना है।।

राजनैतिक मुद्दे नहीं उठाना है,
सबको मिलकर अब चलना है।
जब सबको यही अब रहना है,
फिर आपस क्यों अब लड़ना है।
लड़ना है तो कोरोना से लड़ना है।

ये समय भी गुजर जायेगा,
एक नया समय भी आयेगा।
विश्वास रक्खो उस प्रभु पर,
वहीं सबकी रक्षा कर पायेगा।
अब प्रभु से प्रार्थना करना है
कोरोना से अब लड़ना है।।

आर के रस्तोगी

Previous articleबोली व गोली एक जाति की होती
Next articleमनुष्य जीवन की उन्नति के सरल वैदिक साधन
आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here