पत्रकारों के जवाबों के सीधे जवाब देने की बजाय सवालों को टालते नजर आए। उन्होंने कुरूक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी को पार्टी से निकालने के सवाल पर कहा कि पार्टी ने सांसद को कारण बताओ नोटिस दे रखा है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में जाट आरक्षण से 30 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई के लिए केंद्र सरकार से बातचीत चल रही है। वहीं, उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा कि गरीब चाय बेचने वाला प्रधान मंत्री और गरीब मुख्यमंत्री यह हजम नहीं हो रहा है।
मंत्री जी अपनी बात रख ही रहें थे तभी वहां मौजूद रेवाड़ी के विधायक रणधीर सिंह कापडीवास ने उनकी बातों की धज्जियां उठाना शुरू करते हुए कहा कि जाट आंदोलन नहीं सत्ता पर कब्जा करने की साजिश थी।वहीं, उन्होंने सांसद राजकुमार सैनी को पाक साफ बताते हुए कहा कि उन्होंने कोई गल्त शब्द नहीं बोले और वे उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है। उन्होंने पार्टी के नेत्राओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के कुछ लोंगों ने भाजपा के शिर्ष नेतृत्व को हाईजैक कर लिया है।
उन्होंने कहा कि हम भाईचारा बनाना चाहते है चारा बनाना नहीं चाहते। उन्होंने केंद्रिय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि झज्जर में राव तुलाराम की मुर्ति को खण्डित कर दिया उसके बाद भी राव इंद्रजीत चुप है। कुल मिलाकर देखा जाए तो अब पार्टी में सबकुछ सामान्य नहीं है। कार्यकत्ताओं ने भी मंत्री के आगे खूब भड़ास निकाली तथा कुछ पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को भी कटघरे में खडा कर दिया।