‘भोपाल को है आज भी न्याय का इंतजार’

भोपाल गैस त्रासदी के सच पर बोले विजयमनोहर तिवारी

भोपाल, 3 सितंबर,2011। वरिष्ठ पत्रकार विजयमनोहर तिवारी का कहना है कि है विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी पर न तो भोपाल को न्याय मिल पाया है न ही रचनाकारों एवं पत्रकारों ने इस दर्द को अपनी लेखनी से व्यक्त किया। वे यहां माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के जनसंचार विभाग द्वारा “ भोपाल गैस त्रासदी की रिर्पोटिंग” विषय पर आयोजित व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि इतनी बड़ी त्रासदी पर प्रामाणिक पुस्तकें हमारे पास उपलब्ध नहीं हैं।

श्री तिवारी का कहना था कि कुछ हजार लोग आज भी यूनियन कारबाइड फैक्ट्री के आसपास के इलाकों में रह रहे हैं, जहां का जीवन वास्तव में नारकीय है और हम अपने शहर के लोगों के दुखों के प्रति इतने उदासीन कैसे हो सकते हैं? उन्होंने कहा भोपाल गैस त्रासदी एक ऐसी कथा है जिसने सत्तातंत्र, प्रशासन, समाज और न्यायपालिका सबके सामने कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि आज भोपाल में सारा कुछ सामान्य हो गया लगता है पर इन पचीस सालों में भी न्याय कहां मिला है? उन्होंने कहा कि युवा पत्रकारों और लेखकों को चाहिए कि वे भोपाल के इस दर्द का बयान करें। भोपाल का दर्द एक सामूहिक पीड़ा बनना चाहिए। ताकि ऐसी संवेदनहीनता के अवसर दुबारा उपस्थित न हों।

इस मौके पर श्री तिवारी ने अपनी किताब “ भोपाल गैस त्रासदीः आधी रात का सच” को लिखने की पृष्ठभूमि पर भी प्रकाश डाला और अपनी रचना प्रक्रिया के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि खबरों को लिखने के क्रम में बहुत कुछ छूट जाता है उसे पुस्तक के रूप में देकर वे यह महसूस करते हैं कि अब वे अपनी जिम्मेदारी का पूरा निवर्हन कर पाए हैं। इसके पूर्व विभागाध्यक्ष संजय द्विवेदी ने उनका स्वागत किया। कार्यक्रम में डा. संजीव गुप्ता एवं डा. राखी तिवारी मौजूद रहे। कार्यक्रम में जनसंचार विभाग के विद्यार्थी बड़ी संख्या में मौजूद थे।

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