डॉ. हेडगेवार ‘शतरंज’ प्रतियोगिता कल से, ब्लाइंड बच्चे देंगे धुरंधरों को मात

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-कुमार सुशांत-

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नई दिल्ली। 27 अप्रैल से शुरु होने वाली डॉ. हेडगेवार ‘शतरंज’ प्रतियोगिता को अब कुछ ही घंटे शेष बचे हैं। इस प्रतियोगिता में जहां एक ओर अलग-अलग राउंड में भारत सरकार के कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री अतिथि रूप के रूप में मौजूद होंगे, वहीं कई ग्रैंडमास्टर्स भी शिरकत करते नज़र आएंगे। लेकिन सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र होंगे ब्लाइंड बच्चे। गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी फॉर ब्लाइंड ब्यॉयज के बच्चों ने प्रवक्ता डॉट कॉम की टीम के सामने जब अभ्यास मैच में अपने हुनर को दिखाया जो देखने वाले टकटकी लगाकर बस उनकी ऊंगलियों और अगले कदम को ही देख रहे थे। कुछ ही देर में उन्होंने विपक्षी को चेक-मेट कर डाला। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले 9वीं कक्षा के छात्र सत्यप्रकाश ने बताया कि वह बनारस का रहने वाला है और उसे शतरंज का शौक बचपन में तब से है जब उसके मामा ने उसे शतरंज लाकर दिया था। सत्यप्रकाश की आंखों में भले रौशनी न हो, लेकिन वह अच्छे-अच्छे रौशनी वाले शिलाड़ियो को धूल चटाने का माद्दा रखता है। रेटेड प्लेयर शशांक बीए का छात्र है। वह बताता है कि हमें इस प्रतियोगिता से ढेरों उम्मीदें इसलिए हैं क्योंकि प्रतियोगिता में कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री आ रहे हैं, वह कई ग्रैंडमास्टर्स भी आ रहे हैं। उनकी चाह है कि उन्हें उचित प्रशिक्षण मिले, जो अभी तक नहीं मिला है। वहीं सातवीं कक्षा का छात्र राकेश कहता है कि वह अपने सीनियर्स से धीरे-धीरे शतरंज के गुर सीख रहा है और उसे इतना आत्मविश्वास है कि वह जल्द ही नेशनल लेवल पर खेलेगा। वहीं, श्रद्धा शिरोमणि पाउंडेशन की रजनी शाही कहती हैं कि इस प्रतियोगिता में कुल 15 ब्लाइंड बच्चे हिस्सा ले रहे हैं, जिनकी काबिलियत देखकर कोई भी चौंक जाएगा।

इस प्रतियोगिता में कई धुरंधर ग्रैंडमास्टर्स, इंटरनेशनल मास्टर्स, वूमेन ग्रैंडमास्टर्स शामिल होंगे। ग्रैंडमास्टर्स में पीएम थिप्सय, वैभव सूरी, सहज ग्रोवर, श्रीराम झा शामिल हैं, वहीं वूमेन ग्रैंडमास्टर्स में तानिया सचदेव होंगी, इंटरनेशनल मास्टर्स अतानु लाहिरि भी मौजूद होंगी।

इस प्रतियोगिता का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री वीके सिह करेंगे। प्रतियोगिता के आयोजन समिति के संयोजक शिरिश जैन बताते हैं कि यह हमारे लिए काफी गौरव की बात है कि माननीय केंद्र सरकार के कई मंत्रियों ने इस प्रतियोगिता में शामिल होने पर अपनी स्वीकृति दी है। श्री जैन बताते हैं कि 27 अप्रैल को ही आयोजित होने वाले पहले राउंड के दौरान अतिथि श्री सुब्रमण्यम स्वामी होंगे, वहीं उसी दिन दूसरे राउंड में श्री राम माधव जी मौजूद होंगे। 28 अप्रैल को तीसरे राउंड के दौरान अतिथि एचएस ब्रह्मा (इसीआई) होंगे, वहीं उसी दिन चौथे राउंड के लिए रुसी राजदूत एमएस काडाकीन होंगे। 29 अप्रैल को पांचवें राउंड के लिए अतिथि के रूप में केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर मौजूद होंगे, वहीं उसी दिन छठे राउंड के दौरान केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी होंगे। 30 अप्रैल को सातवें राउंड के दौरान अतिथि केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूढ़ी होंगे, वहीं उसी दिन आठवें राउंड के दौरान केंद्रीय विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री जितेंद्र सिंह होंगे। एक मई को नौवें राउंड के दौरान अतिथि महेश शर्मा होंगे, वहीं पुरस्कार का वितरण केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह व केंद्रीय युवा मामलों व खेल मंत्री सरबनंदा सोनवाल करेंगे। बता दें कि ऐसा शायद पहली बार होगा कि नई दिल्ली में आयोजित हो रही शतरंज प्रतियोगिता के लिए एक साथ अलग-अलग राउंड में अलग-अलग केंद्रीय मंत्री मौजूद होंगे। श्री जैन कहते हैं कि शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन ही इसलिए किया गया क्योंकि यही एक खेल है जो हमें जीवन में धैर्यवान होने की प्रेरण देता है। इसके अलावा जीवन में यह भी सीख देता है कि योजना और क्रियान्वयन का बेहतर तालमेल हो तो जीवन में एक छोटा मनुष्य भी बहुत बड़ा कर सकता है।

बता दें कि 27 अप्रैल यह प्रतियोगिता एक मई तक चलेगी। नई दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम पर आयोजित होने वाले इस टूर्नामेंट में अलग-अलग स्तर पर विजयी प्रतिभागियों के बीच 10 लाख रुपए तक की इमानी राशि वितरित की जानी है। शतरंज के शौकीनों के लिए यह प्रतियोगिता इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें किसी भी उम्र के खिलाड़ी हिस्सा ले सकते हैं।

इस प्रतियोगिता के आयोजन समिति के संयोजक शिरिश जैन बताते हैं कि यह प्रतियोगिता ‘युगपुरुष’ डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के नाम पर आयोजित हो रही है। श्री जैन कहते हैं कि किंग शिवाजी के अनुयायी और सच्चे देशभक्त रहे श्री हेडगेवार दूरदर्शी सोच और गहरी परिकल्पना के महान नायक थे। श्री जैन बताते हैं कि श्री हेडगेवार सामाजिक दार्शनिक, मनोवैज्ञानिक, बौद्धिक और मानव विकास के लिए सदैव तत्पर रहने वालों में से थे। जाहिर है, देश में बांटो-शासन करो की नीति व सांस्कृतिक मूल्यों पर आघात होता देख ही वर्ष 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गठन हुआ था। श्री जैन की मानें तो श्री हेडगेवार जैसे महापुरुष ने जिस तरह अनुशासन, योजना और क्रियान्वयन को अपना मंत्र बनाया, यह जरूरी है कि उनके नाम पर ऐसी बौद्धिक प्रतियोगिता का आयोजन हो, जिससे महापुरुषों के नाम अमर होते रहें। वह बताते हैं कि शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन ही इसलिए किया गया क्योंकि यही एक खेल है जो हमें जीवन में धैर्य रखने की प्रेरण देता है। इसके अलावा जीवन में यह भी सीख देता है कि योजना और क्रियान्वयन का बेहतर तालमेल हो तो जीवन में एक छोटा मनुष्य भी बहुत बड़ा कर सकता है।

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