चिंतपूर्णी मंदिर के गर्भगृह में जुराबें तथा खड़ाऊं पहनकर प्रवेश करने पर मंदिर प्रशासन द्वारा पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। गर्भगृह की शुद्धता बनाए रखने के उद्देश्य से मंदिर प्रशासन द्वारा ऐसा कदम उठाया गया है।
मंदिर कार्यालय द्वारा गर्भगृह में ड्यूटी देने वाले सभी सिक्योरिटी गार्डों, सेवादारों तथा बारीदारों और पुजारियों को अधिसूचना जारी कर दी है। मंदिर अधिकारी सुभाष चौहान ने बताया कि नियमों की अवहेलना करने पर मंदिर प्रशासन कड़ी कार्रवाई अमल में लाएगा। चिंतपूर्णी मंदिर प्रशासन द्वारा 4 फरवरी को गर्भगृह में जुराबें व खड़ाऊं पहन कर गर्भगृह में प्रवेश करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। मंदिर प्रशासन द्वारा गर्भगृह में यह अधिसूचना जारी कर दी गई है।
जानकारी के मुताबिक मंदिर अधिकारी को शिकायत मिली थी कि कुछ सिक्योरिटी वाले, पुजारी व बारीदार इनका उपयोग कर बाजार में घूमते हैं जिससे गर्भगृह की शुद्धता प्रभावित होती है। मंदिर अधिकारी ने इस शिकायत का कड़ा संज्ञान लिया तथा 4 फरवरी को नोटिस बोर्ड पर यह अधिसूचना जारी कर दी है। मंदिर अधिकारी सुभाष चौहान ने बताया कि गर्भगृह की शुद्धता बनाए रखने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। इस संबंध में चिंतपूर्णी पुजारी, बारीदार सभा के प्रमुख प्रधान रविन्द्र छिंदा ने मंदिर प्रशासन के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर और गर्भगृह की शुद्धता बनाए रखने के लिए सराहनीय निर्णय मंदिर प्रशासन द्वारा लिया गया है।