महाराष्ट्र में मदरसों को स्कूल श्रेणी से बाहर किए जाने के बाद भाजपा सरकार की सहयोगी शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में मुसलमानों की जनसंख्या का मामला उठाया है।
सामना के संपादकीय में शिवसेना ने असम व पूर्वोत्तर राज्यों में मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या का जिक्र करने के साथ ही हरियाणा व दिल्ली जैसे राज्यों में मुसलमानों की जनसंख्या का मामला उठाया है।
सम्पादकीय में लिखा गया है कि मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या के कारण देश की एकता में दरार आ सकती है। अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुसलमानों को बताएं और निर्देश दें कि वे नियमों व कानूनों का पालन करते हुए जनसंख्या नियंत्रण में सहयोग करें।