नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में शामिल होने वाले अंशदीप पहले सिख हैं। पंजाब के लुधियाना में पैदा हुए अंशदीप को यूनाइटेड स्टेट्स में कड़ी ट्रेनिंग के बाद पिछले हफ्ते सुरक्षा काफिले में शामिल किया गया।

उनका परिवार 1984 सिख दंगा के वक्त कानपुर से लुधियाना आ गया था। सिख दंगे के दौरान कानपुर के बर्रा के केडीए कॉलोनी में भीड़ की तरफ से किए गए जानलेवा हमले में उनके चाचा और एक रिश्तेदार की मौत हो गई थी।

उनकी फूआ की शादी नवंबर के दूसरे हफ्ते में तय थी और पूरा परिवार उसके इंतजाम में व्यस्त था। हमले में अंशदीप के पिता देवेन्द्र सिंह भी घायल हुए और उन्हें तीन गोलियां लगी थी।

पंजाब एंड सिंध बैंक में उनके दादा अमरीक सिंह भाटिया ने लुधिया नें अपना ट्रांसफर ले लिया। उनके पिता का कानपुर में दवाई का कारोबार था। उन्होंने लुधियाना में शादी की और परिवार के साथ अमेरिका चले गए। उस वक्त अंशदीप सिर्फ 10 साल के थे।

अंशदीप का राष्ट्रपति के सुरक्षा में शामिल होने के ख्वाब को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब उनसे यह कहा गया कि वह अपने लुक बदलें। लेकिन, अंशदीप कोर्ट में जाकर लड़ाई लड़ी और फैसला उनके पक्ष में आया।