नई दिल्लीः भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को ब्रिटिश हाईकोर्ट से स्विस बैंक यूबीएस से कर्ज के मामले बड़ा झटका लगा है। ब्रिटिश हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा है कि स्विस बैंक माल्या के लंदन स्थित घर को जब्त कर सकता है।

हाईकोर्ट ने यूबीएस के आवेदन के खिलाफ माल्या के वकीलों की सभी दलीलें खारिज कर दीं और बैंक के पक्ष में फैसला सुरक्षित रख लिया। मामले से जुड़े बाकी पहलुओं पर कोर्ट मई 2019 में फैसला सुनाएगी। यूबीएस ने पिछले महीने कॉर्नवॉल टैरेस के रिजेंट पार्क मेंशन में बने बंगले का कब्जा लेने के लिए हाईकोर्ट में आवेदन किया था। माल्या पर यूबीएस का 195 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है जो उसने इस बंगले को गिरवी रखकर इसके कुल मूल्य के ऐवज में लिया था। इससे पहले ब्रिटेन की अदालत ने माल्या को 88 हजार पाउंड (80 लाख रुपए) तत्काल यूबीएस को चुकाने का आदेश भी दिया।

माल्या को और मौका देने की जरूरत नहीं

हाईकोर्ट ने यूबीएस की याचिका को उचित बताते हुए माल्या की दलीलें खारिज कर दीं। यूबीएस ने इस पर खुशी जताई है। सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि ऐसा कोई तथ्य नहीं दिखता, जिसके आधार पर माल्या को अपना पक्ष रखने के लिए अब और मौके दिए जाने चाहिए। पिछले साल 26 मार्च को मॉर्गेज लोन की अवधि पूरी हो गई। लेकिन, माल्या ने यूबीएस को पैसा नहीं चुकाया। इस वजह से यूबीएस बंगले को कब्जे में लेकर बेचना चाहता है। इस बंगले में माल्या का परिवार और उसके कॉर्पोरेट गेस्ट रहते हैं।

गोल्डन टॉइलट सीट भी है

माल्या के लंदन स्थित कॉर्नवॉल टैरेस घर में एक गोल्डन टॉयलेट सीट भी है। ऐसे में अब यह सीट भी यूबीएस बैंक के अधिकार में जा सकती है। माल्या अपना घर यूबीएस द्वारा अधिकार में लिए जाने से बचाने को कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे।

भारतीय बैंकों का 9 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज

विजय माल्या पर भारतीय बैंकों का भी 9,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज बकाया है। लोन नहीं चुकाने पर वह मार्च 2016 में लंदन भाग गया था। वसूली और प्रत्यर्पण के लिए उसके खिलाफ भारत और लंदन की अदालतों में मामले चल रहे हैं।