सिंगापुर: लिटिल इंडिया में हुए दंगा मामले में भारतीय को 16 सप्ताह की जेल
सिंगापुर,। लिटिल इंडिया में हुए दंगों के दौरान पुलिस के आदेशों के बावजूद दंगा स्थल से न हटने वाले एक भारतीय अरुण कालियामूर्ति को 16 सप्ताह की कैद की सजा सुनाई गई है। यह व्यक्ति पिछले 40 साल के सबसे भयावह दंगों में भूमिका के लिए आरोपी बनाए गए 25 लोगों में से अंतिम व्यक्ति है। यह ताजा जानकारी एक मीडिया रपट से मिली।जिला न्यायाधीश शैफुद्दीन सरूवान ने भारतीय अरुण कालियामूर्ति को जेल भेज दिया। अरुण इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स में मास्टर डिग्री हासिल कर चुका है और यहां नौकरी की तलाश में था। अदालत ने कहा कि 29 वर्षीय अरुण ने दंगा स्थल पर बने रहने की जिद पर अड़ा रहा और उसे वहां से जबरन हटाना पड़ा।रपट के अनुसार, अरुण इस फैसले के खिलाफ अपील करने की योजना बना रहा है। उसके वकील शशि नाथन ने पहले तर्क दिया था कि उनके मुवक्किल के बर्ताव के कारण बहुत कम नुकसान हुआ। इसलिए उन्हें जुर्माने या महज एक दिन की जेल की अपील की। घटनास्थल से चले जाने के आदेश दिए जाने के बाद भी शांति में बाधा पैदा करने के लिए पांच या पांच से अधिक लोगों के एक स्थान पर जुटे रहने के मामले में कालियामूर्ति को दो साल की जेल या जुर्माना या फिर ये दोनों ही हो सकते थे।
गौरतलब है कि लिटिल इंडिया में दंगे के मामले में 24 अन्य भारतीयों को भी आरोपी बनाया गया है। इनमें से कुछ को जेल की सजा सुनाई गई है। दिसंबर 2013 में यहां काम करने वाले एक भारतीय के दुर्घटना का शिकार होने के बाद यहां दंगा भड़क गया था। लिटिल इंडिया में हुए दंगे में 58 पुलिसकर्मी एवं रक्षा अधिकारी घायल हो गए थे और 23 आपातकालीन वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे। इस इलाके में भारतीय मूल के लोगों की दुकानें, व्यवसाय, भोजनालय, मदिरालय, होटल और सराय आदि हैं।