टू फिंगर टेस्ट को लेकर जारी सर्कुलर को दिल्ली सरकार ने वापस लिया
नई दिल्ली,। बलात्कार पीड़ितों के टू फिंगर टेस्ट को लेकर जारी सर्कुलर को दिल्ली सरकार ने एक ही देन में वापस लेने का फैसला किया है । इससे पहले कल खबर आई थी कि सरकार ने गाइडलाइंस जारी कर अपने अस्पतालों से कहा था कि रेप पीड़ितों की सहमति से बलात्कार की पुष्टि के लिए टू फिंगर टेस्ट किया जा सकता है । इस सर्कुलर पर विवाद पैदा होने के बाद प्रदेश सरकार के सूत्रों ने कहा कि इसे वापस लिया जाएगा और सर्कुलर जारी करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई होगी ।मामला बिगड़ता देख दिल्ली सरकार ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी की गलती के कारण ये आदेश जारी हुआ है, इसे आज वापस लिया जाएगा । दोषी अधिकारी को निलंबित कर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बलात्कार के मामले में टू फिंगर टेस्ट को लेकर भाजपा ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोल दिया है । पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बलात्कार मामले में विवादित फिंगर टेस्ट को मंजूरी देकर उच्चतम न्यायालय की गाइडलाइंस का उल्लंघन किया है ।दिल्ली सरकार के सर्कुलर में हर मामले में टू फिंगर टेस्ट न करने की बात कही गई थी । रेप के किस मामले में यह टेस्ट हो, इसके बारे में भी जानकारी दी गई है । इसके लिए पांच-छह मेडिकल इंडिकेशन भी दिए गए थे। साथ ही यह भी कहा गया है कि फिंगर टेस्ट के जरिए यह नहीं समझा जाए कि पीड़ित महिला सेक्सुअल हैबिच्यूल है या नहीं। यह टेस्ट महिला के चरित्र का प्रमाण नहीं हो सकता । सर्कुलर में कहा गया है, ‘विक्टिम का जो भी मेडिकल परीक्षण किया जाए, उसके बारे में उसे बताया जाए और सहमति के बाद ही जांच की जाए। जांच में क्या-क्या प्रोसेस होगा और प्रोसेस का क्या तरीका होगा, इसके बारे में भी विक्टिम को जानकारी देनी होगी। अगर विक्टिम नाबालिग है तो उसके पैरंट्स को यही जानकारी देनी होगी ।’