जय बदरी विशाल के गगनभेदी उद्घोष के साथ गढ़वाल हिमालय में स्थित विश्व प्रसिद्घ बदरीनाथ मंदिर के कपाट आज छह महीने के अंतराल के बाद श्रद्घालुओं के लिये दोबारा खोल दिये गये।
चमोली में स्थित 11 हजार फीट से अधिक की उंचाई पर स्थित भगवान विष्णु को समर्पित बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही गढ़वाल हिमालय के चारधाम के नाम से प्रसिद्घ चारो धामों के कपाट खुल गये हैं । अन्य तीनों धाम, गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट नौ मई को अक्षय तृतीया के पर्व पर खोले गये थे ।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के विशेष कार्याधिकारी वी डी सिंह ने बताया कि धार्मिक रीति रिवाज व वैदिक मंत्रोचार के साथ प्रात: 4:35 पर बदरीनाथ के कपाट श्रद्घालुओं के लिए खोल दिये गये। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर हजारों तीर्थयात्रियो ने अखंड ज्योति के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
कपाट खुलने के अवसर पर स्थानीय भोटिया जनजाति की महिलाओं ने अपने पारंपरिक लोक गीतों, लोक नृत्यों व मंगलगीत के माध्यम से बद्री विशाल की महिमा का व्याख्यान किया।
चारों धामों के कपाट हर साल सर्दियों में क्षेत्र के भारी बर्फवारी की चपेट मे रहने के कारण श्रद्घालुओं के दर्शन के लिये बंद कर दिये जाते है जो गर्मियां आने पर दोबारा खोल दिये जाते हैं ।
छह माह के यात्रा सीजन के दौरान इन धामों के दर्शन के लिये देश विदेश से लाखों श्रद्घालु आते हैं। चारधाम यात्रा को गढ़वाल हिमालय की आर्थिकी की रीढ़ माना जाता है।
( Source – पीटीआई-भाषा )