बेशक कुछ सत्तावादी और रूढ़िवादी नेताओ को ये सिर्फ युवा वोट बैंक लग रहा होगा, पर हकीकत मायनो में इसकी एहमियत समझे तो मालुम होगा की हुनर और जोश से भरे इस देश में मौको की कितनी कमी है ! हम अपने खिलाड़ियों से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उम्दा प्रदर्शन और पदक की उम्मीद तो ज़रूर रखते है पर शायद ही उनको वो सुविधाएं और मौके मिलते हो जो अन्य देशो के खिलाड़ियों को मिलते है !