
उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु को कावेरी जल की आपूर्ति करने संबंधी न्यायिक आदेशों की बार बार ’अवहेलना करने’ के लिये कर्नाटक सरकार को आज आड़े हाथ लिया और उसे आदेश दिया कि कल से छह अक्तूबर तक वह छह हजार क्यूसेक जल छोड़े । न्यायालय ने साथ ही कर्नाटक को चेतावनी दी कि किसी को पता नहीं चलेगा कि वह कब कानून के कोप का शिकार हो जायेगा।
शीर्ष अदालत ने कर्नाटक विधान सभा द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किये जाने के तथ्य के बावजूद राज्य सरकार को एक से छह अक्तूबर के दौरान तमिलनाडु के लिये छह हजार क्यूसेक जल छोडने का अंतिम अवसर दिया।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ ने कहा कि राज्य होने के बावजूद कर्नाटक उसके आदेश की अवहेहना करके ऐसी स्थिति पैदा कर रहा है जिससे कानून के शासन को धक्का पहुंच रहा है। हमने अपने आदेश पर अमल के लिये कठोर कार्रवाई की दिशा में कदम उठा लिये होते लेकिन हमने कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड को निर्देश दिया है कि पहले वह वस्तुस्थिति का अध्ययन करे और एक रिपोर्ट पेश करे।
न्यायालय ने केन्द्र सरकार को कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड का गठन चार अक्तूबर तक करने का निर्देश देते हुये कहा कि कर्नाटक को अवहेलना करने वाले रूख पर अडे नहीं रहना चाहिए क्योंकि किसी को यह नहीं मालूम कि वह कानून के कोप का कब शिकार हो जायेगा।
( Source- पीटीआई-भाषा )