
प्रदर्शन में निरंतरता की कमी के बीच भारतीय टीम निर्णायक पांचवें और अंतिम एकदिवसीय क्रिकेट मैच में कल जब यहां न्यूजीलैंड के खिलाफ मैदान पर उतरेगी तो कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व कौशल के अलावा फिनिशर की उनकी भूमिका की भी कड़ी परीक्षा होगी।
श्रृंखला 2-2 से बराबर चल रही है और ऐसे में धोनी और उनकी टीम की नजरें अंतिम मैच जीतकर सीरीज अपने नाम करने पर हैं। वहीं दूसरी तरफ न्यूजीलैंड के पास इतिहास रचने का मौका है। अगर टीम कल जीत दर्ज करती है तो भारत में पहली बार द्विपक्षीय एकदिवसीय श्रृंखला जीतेगी।
मैच पर हालांकि तूफान का खतरा मंडरा रहा है जिससे मुकाबला पूरी तरह से बारिश की भेंट चढ़ सकता है।
धोनी की कप्तानी पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ श्रृंखला हारने से निश्चित तौर पर कप्तान और खिलाड़ी के रूप में उनकी क्षमता पर सवाल उठेंगे।
धोनी की कप्तानी में भारत ने पिछले कुछ समय में तीन एकदिवसीय श्रृंखलाएं गंवाई है। टीम इंडिया को बांग्लादेश में बांग्लदेश के खिलाफ 1-2, आस्ट्रेलिया में आस्ट्रेलिया के खिलाफ 1-4 जबकि भारत में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2-3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा। पिछले 18 महीने में एकमात्र श्रृंखला जिंबाब्वे की कमजोर टीम के खिलाफ जिंबाब्वे में जीती।
पिछले चार माह से दो महाद्वीपों की टीमों के दौरे पर निकले न्यूजीलैंड को टेस्ट में एकमात्र सफलता जिंबाब्वे में मिली जहां उसने 2-0 से जीत दर्ज की। दक्षिण अफ्रीका में श्रृंखला 1-1 से बराबर रही जबकि भारत के खिलाफ टीम को 0-3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा।
( Source – पीटीआई-भाषा )