![दिल्ली के प्रदूषण स्तर की समुचित निगरानी के लिये नयी अर्जी पर उच्चतम न्यायालय कल करेगा सुनवाई](https://www.pravakta.com/news/wp-content/uploads/sites/3/2016/04/xlaw.png.pagespeed.ic.1dsIL-lGwq.jpg)
उच्चतम न्यायालय दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण के स्तर की समुचित तरीके से निगरानी के लिये दायर नयी अर्जी पर कल सुनवाई के लिये आज सहमत हो गया।
प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि वह शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त पर्यावरणीय प्रदूषण :रोकथाम और नियंत्रण: प्राधिकरण की अर्जी पर कल अपराह्न साढ़े तीन बजे सुनवाई करेगा।
इस प्राधिकरण ने अपनी अर्जी में कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिये वह कोई नया निर्देश नहीं चाहता है बल्कि वह पहले जारी किये गये निर्देशों पर सही तरीके से अमल का अनुरोध कर रहा है।
शीर्ष अदालत ने प्रदूषण स्तर कम करने के इरादे से अपने 16 दिसंबर, 2015 के आदेश में अनेक निर्देश दिये थे। इसमें कहा गया था कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्ष़ेत्र में 2000 सीसी क्षमता वाले डीजल इंजन से चलने वाले एसयूवी वाहनों और ऐसी निजी कारों का पंजीकरण नहीं किया जाये।
न्यायालय ने दिल्ली में प्रवेश करने वाले हल्के और भारी व्यापारिक वाहनों पर लगने वाले पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क में सौ फीसदी वृद्धि करने का भी आदेश दिया था।
शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार से कहा था कि वह दिल्ली में प्रवेश करने वाले व्यापारिक वाहनों के लिये विज्ञापन जारी करके व्यापारिक वाहनों के आवागमन हेतु बाईपास मार्गो की जानकारी देने के साथ ही न्यायालय द्वारा लगरसे गसे पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क की भी जानकारी दे।
न्यायालय ने बाद में अगस्त में सोसायटी आफ इंडियन आटोमोबाइल मैन्यूफैक्चर्स के हलफनामे पर गौर करने के बाद 2000 सीसी और इससे अधिक क्षमता वाले वाहनों के पंजीकरण पर लगी रोक हटा दी थी। इस संगठन ने वाहनों के पंजीकरण से पहले उनकी कीमत का एक फीसदी पर्यावरण संरक्षण शुल्क जमा कराने की पेशकश की थी।
( Source – PTI )