
उच्चतम न्यायालय ने आज केन्द्र से सवाल किया कि भारत निर्वाचन आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए संविधान में किये गए प्रावधानों के अनुरूप कोई कानून क्यों नहीं है।
बहरहाल, न्यायालय ने यह भी कहा कि अभी तक निर्वाचन आयोग में अच्छे लोगों की नियुक्ति हुई है।
मुख्य न्यायाधीश जे. एस. खेहर और न्यायमूर्त िडी. वाई. चन्द्रचूड़ की पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 324 में प्रावधान किया गया है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति तय कानून के तहत होगी, लेकिन अभी तक कोई कानून नहीं बनाया गया है।
पीठ ने केन्द्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार से पूछा, Þ Þआशा है कि संसद कानून बनाएगी। कानून नहीं बनाया गया है, ऐसे में क्या अदालत प्रक््िरया तय कर सकती है। Þ Þ पीठ वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से अनूप परनवाल की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवायी कर रही थी। याचिका में कहा गया है कि मुख्य निवार्चन आयुक्तों और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक््िरया होनी चाहिए।
याचिका में उच्च और उच्चतम न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए स्वतंत्र प्रक््िरया का हवाला देते हुए कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्तों और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए भी ऐसी ही प्रक््िरया होनी चाहिए।
( Source – PTI )