भारत के मुख्य बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद का मानना है कि भारत में बैडमिंटन कोचों को उचित दर्जा नहीं मिलता और ना ही उन्हें अच्छा भुगतान किया जाता है ।
गोपीचंद ने भारतीय बैडमिंटन संघ द्वारा आयोजित सम्मेलन के दौरान कहा ,‘‘ कोचों के प्रयासों को सराहा जाना चाहिये । शिविर में भाग लेने वाले किसी भी कोच को अच्छा भुगतान नहीं होता । हमें खिलाड़ियों के साथ काम करने वाले सहयोगी स्टाफ के प्रयासों की भी सराहना करनी चाहिये ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ शिक्षा व्यवस्था में केजी, स्नातक और परा स्नातक होता है लेकिन कोचों के प्रदर्शन को खिलाड़ियों के प्रदर्शन से जोड़ा जाता है लिहाजा कई बार कोच खिलाड़ियों के साथ काफी लंबे समय तक लटके रह जाते हैं ।’’
( Source – PTI )