राजनीति

प्यासे रह गये पौधे – फीकी हुई हरियाली, बिन पानी कम हुआ पशु चारा- सूख गई दूध की धारा

बारिश में देरी, सूखी नहरें और महंगे डीजल ने किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें गहरी कर दी हैं। सिंचाई पानी उपलब्ध न हो पाने के कारण उमरावत गांव के किसान सूखे की मार झेल रही है। भीषण गर्मी के बीच चल रही लू ने कृषि क्षेत्र पर संकट के बादलों को ज्यादा गहरा कर दिया है। 

आज से 30 वर्ष पूर्व कभी गांव उमरावत की उजाऊ जमीन में भी कोयले कुकती थी। वहां की भूमि में गेंहू, गन्ना, ज्वार, आदि की फसलें लहलहाती थी, लेकिन समय परिवर्तन के साथ-साथ नहर में पानी ना आने से अब वहां की जमीन बंजर हो चली है। यहां पर सालभर में केवल सरसों की फसल ही उगती है। किसानों की जिन्दगी अब अंधकारमय हो चली है। 
सीएम विण्डों में भी पानी को लेकर डाल चुके हैं शिकायत
मांगेराम, ओम प्रकाश, रामधारी, भोलूराम, रामनिवास आदि ने संयुक्त रूप से बताया कि उनकी दादरी डिस्ट्रीब्यूटरी नहर से जुडाव है। उनकी नहर जब कच्ची थी तो पानी भरपूर मात्रा में आता था और सभी के खेतों में पानी लगता था। खेत खलिहान फसलों से लहलहाते थे, लेकिन समय के साथ-साथ जब सत्ता परिवर्तन हुआ तो गठबंधन सरकार ने नहर का नवीनीकरण करवाकर इस पर करोड़ों रूपए खर्च किये। ग्रामीणों को भी पूरी आस बंध गई कि अब उनके आखिरी टेल तक पानी जरूर जायेगा और फसलों को सिंचित करने के लिए भी पानी मिलेगा, लेकिन उनकी यह आस भी अब धूमिल हो गई। नहर निर्माण के समय बड़े-बड़े अधिकारी जांच के लिए आए व ग्रामीणों को विश्वास दिलाया कि अब पूरी मात्रा में आएगा।  ग्रामीणों ने बताया कि विधायक भी नहर की टेल तक आए थे लेकिन आज भी गांव काजलघर व उनके खेत सूखे पड़े है। जिसकी कोई सुध नहीं ले रहा है। नहर में पानी न आने के कारण उनके खेत बंजर होते जा रहे हैं। अधिकतर किसानों ने तो पानी के अभाव में अपनी जमीन तक को बेच दिया है। जिन किसानों ने बैंक से लोन लिया है उसको वो फसल पर चुकता करते लेकिन यहां न तो अच्छी पैदावार है और किसानों की हालत भी माली है। ऐसे में किसान बैंक के कर्ज तले दबे हुए हैं। उन्हें अपनी जमीनें बेचने के अलावा कोई रास्ता दिखाई नहीं देता है। किसानों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में आने से पहले तो सरकार बड़े-बड़े दावे करती थी कि वह किसानों को आखिरी टेल तक पानी पहुंचाने के लिए वचनबद्ध है। किसानों ने विधायक, मंत्री व भिवानी दौरे के दौरान मुख्यमंत्री से भी पानी की समस्या के समाधान की बात रखी थी। जिस पर स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनके यहां सिंचाई के लिए पानी नवीनीकरण के बाद जरूर आ जाएगा, लेकिन अब नहर का नवीनीकरण हुए भी काफी महीने बीत चुके हैं।
सीएम ने भी नहीं किया समस्या समाधान ,क्या कहते हैं सरपंच
सरपंच दिनेश शर्मा ने बताया कि वे कई बार सिंचाई विभाग के अधिकारियों व भिवानी दौरे के दौरान मुख्यमंत्री से भी पानी की समस्या के समाधान की मांग कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस बारे में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को भी पानी मुहैया करवाने के निर्देश दे दिए थे लेकिन आज तक उनकी नहर में सिंचाई के योग्य पानी नहीं आया है।