![जातिवाद के दलदल में फंसी हमारी राजनीति](https://i2.wp.com/www.pravakta.com/wp-content/uploads/2018/09/a_1536344366.jpg?fit=730%2C548&ssl=1)
डॉ. वेदप्रताप वैदिक अजा जजा अत्याचार निवारण कानून को लेकर कभी अनुसूचित जाति-जनजाति द्वारा और
![क्यों बनती हाई प्रोफ़ाइल लड़कियां काल गर्ल](https://i0.wp.com/www.pravakta.com/wp-content/uploads/2018/09/1533355857download.jpg?fit=300%2C168&ssl=1)
-अनिल अनूप कई समय से कालगर्ल के धंधे के बारे में जानने की जिज्ञासा
![है ज्ञान औ अज्ञान में !](https://i1.wp.com/www.pravakta.com/wp-content/uploads/2018/09/aatma-gyan-agyanta.jpg?fit=1000%2C601&ssl=1)
(मधुगीति १८०८२७ ब) रचयिता: गोपाल बघेल ‘मधु’ है ज्ञान औ अज्ञान में, बस भेद एक अनुभूति का; एक फ़ासला है कर्म का, अनुभूत भव की द्रष्टि का ! लख परख औ अनुभव किए, जो लक्ष हृदयंगम किए; परिणिति क्रिया की पा सके, फल प्राप्ति परिलक्षित किए ! जो मिला वह कुछ भिन्न था, सोचा था वह वैसा न था; कुछ अन्यथा उर लग रहा, पर प्रतीति सुर दे रहा ! आभोग का सागर अगध,
![प्रकृति ने हमें मौके दिए हैं हर बार](https://i0.wp.com/www.pravakta.com/wp-content/uploads/2018/09/3b5730a9-b4dc-4ba0-b7be-25819b112de4.jpg?fit=613%2C788&ssl=1)
डॉ. छन्दा बैनर्जी प्रकृति ने हमें मौके दिए हैं हर बार लेकिन , हम बुद्धिजीवी
![डूसू चुनाव : मुद्दों पर धनबल और बाहुबल हावी](https://i1.wp.com/www.pravakta.com/wp-content/uploads/2018/09/636397377876722600.jpg?fit=970%2C520&ssl=1)
नीरज कुमार हर साल की तरह इस साल भी दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव सितम्बर महीने