इलाहाबाद, जातिवादी आरक्षण के खि लाफ रविवार को ‘’स्वर्ण भारत परिवार’’ के सदस्यों और सभी आरक्षण विरोधी संगठनों ने सड़कों पर उतरकर शक्ति प्रदर्शन किया और रैली निकालकर जातिवादी आरक्षण को समाप्त करने की मांग को बुलंद किया। जातिगत आरक्षण के विरोध में स्वर्ण भारत परिवार कई सालों से इसे समाप्त करने के लिए आंदोलन चला रहा है। इनका मानना है कि हर प्रकार के जातिगत आरक्षणको समाप्त करके सरकार को सिर्फ संरक्षण की निति अपनानी चाहिए और वह संरक्षण हरेक गरीब को मिलना चाहिए। फिर वह चाहे किसी भी धर्म या जाति का क्यों नहो। किन्तु यदि इसका लाभ केवल एक ही वर्ग उठाता है तो यह अन्याय और शोषण का ही दूसरा रूप है। जिसका प् रतिकार हमारा पूरा स्वर्ण समाज करता है। स्वर्ण भारत परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष पंडित का कहना है कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने जब सविधान बनाया और जातिगत आरक्षण का प्रावधान किया था। तो उसे उन्होंने केवल 10 वर्षों की खातिर बनाया था। उसके बाद जातिगत आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए थी । आरक्षण जातिगत न होकर आर्थिक होना था या समाप्त होना था। 10 वर्ष तो क्या ज़माना बीत गया। जा तिगत आरक्षण समाप्त तो क्या इस पर समीक्षा तक नही हुई कि इससे दलित गरीबों को क्या फायदा हुआ। पीयूष पंडित ने कहा कि इस जाति गत आरक्षण की वजह से सवर्ण जाति के कितने ही योग्य बच्चों का भविष्य तो बर्बाद हुआ ही उन गरीब दलितों के साथ तो और भीभद्दा मजाक हुआ। जिनके नाम पर यह जातिगत आरक्षण बनाया गया। वो बेचारे तो आज भी वही अभावग्रस्त जिंदगी और पि छड़ी जाति का तमगा लेकर घूम रहे हैं और जो शुरू से बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमते थे, आज भी पीढ़ी द र पीढ़ी आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं । तो क्या फायदा हुआ गरीब दलितों के उत्थान के लिए बनाये गए आरक् षणका..?? यह जातिगत आरक्षण देश का कोई भला नही कर रहा। जबकि देश को गृह युद्ध की और ध केल रहा है। यही वजह है कि रोज कोई न कोई जाति, देश में उपद्रव करनेलग जाती है कि हमे भी आरक् षण चाहिए। इस उपद्रव में सरकारी संपत्तियों का नुक्सान हो रहा […]