दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ असम की एक अदालत ने जमानती वारंट जारी किया है। प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता पर किए गए मुख्यमंत्री के ट्वीट को लेकर उनके खिलाफ यहां मानहानि का मुकदमा दर्ज है।
दीफू के प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट नाबा कुमार डेका बरूआ ने केजरीवाल के खिलाफ 10,000 रपये का वारंट जारी किया और आम आदमी पार्टी के नेता को आठ मई को अदालत के सामने पेश होने को तलब किया है।
कार्बी आंग्लोंग स्वायत्त जिला काउंसिल के कार्यकारी सदस्य सूर्या रोंफाड़ ने मजिस्ट्रेट अदालत में पिछले साल 26 दिसंबर को मानहानि का एक मुकदमा दर्ज कराया था।
पिछली बार मजिस्ट्रेट ने केजरीवाल को अदालत के सामने 30 जनवरी को पेश होने को कहा था।
आप नेता ने अपने वकील गुरप्रीत सिंह उप्पल के माध्यम से अदालत के सामने उपस्थित होने के लिए सात अप्रैल तक का समय मांगा था। इसमें कहा गया था कि केजरीवाल के लिए 23 अप्रैल को होनेवाले एमसीडी चुनाव और काम के चलते दिल्ली छोड़कर आना संभव नहीं है।
मजिस्ट्रेट ने कल अपने आदेश में कहा था, ‘‘इस मामले के रिकॉर्ड को देखने यह बात सामने आती है कि आरोपी अरविंद केजरीवाल इससे पहले मौके 30 जनवरी 2017 को अदालत के सामने उपस्थित नहीं हुए थे। अपने वकील के माध्यम से याचिका दायर करके उन्होंने दो महीने से भी ज्यादा अवधि के लिए स्थगन ले लिया था हालांकि सीआरपीसी की धारा 205 :: के तहत आरोपी को अदालत के समक्ष उपस्थित होने में कोई छूट नहीं है।’’ आदेश में कहा गया है, ‘‘इस पर विचार करते हुए, उनके वकील की याचिका खारिज की जाती है।’’
( Source – PTI )